नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज इस धारणा को दूर करने का प्रयास किया कि उन्होंने ब्याज दर पर आरबीआइ गवर्नर रघुराज रामन को कोई चुनौती दी है. वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने सिर्फ भारत की विनिर्माण क्षमताएं बढाने के बारे में सुझाव भर दिये थे.
उन्होंने अपने कल के भाषण के संबंध में मीडिया में आई खबरों के संदर्भ में अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, कल मेक इन इंडिया कार्यशाला में मेरे पूरे भाषण में रिजर्व बैंक या इसके गवर्नर के संबंध में एक शब्द भी नहीं था. वित्त मंत्री के इस भाषण को राजन के प्रति आलोचनापूर्ण समझा गया.
उन्होंने कहा, जो खबर आई है, वो ऐसे भाषण की खबर है जो मैंने दिया ही नहीं है. रपट में संकेत दिया गया है कि मैंने रिजर्व बैंक, इसके गवर्नर पर बोला है और उनके बाद उनके साथ अपना मतभेद प्रकट किया. कल जेटली ने कहा था कि विनिर्माण की वृद्धि में नरमी की एक मात्र वजह रही ऊंची ब्याज दर है.
अपने फेसबुक पर जारी एक लेख में जेटली ने कहा, जिन कई वजहों का मैंने जिक्र किया उनमें से एक यह भी था कि ब्याज दरों में कटौती की जानी चाहिए. जो भी भारत को विनिर्माण केंद्र में तब्दील करने के संबंध में बोलता है, वह निश्चित तौर पर इसका सुझाव देगा.
उन्होंने कहा कि मीडिया के विभिन्न हलकों में मेरे भाषण की खबर जिस तरह दी गयी है, उससे इस बात की पुष्टि होती है कि पत्रकारिता की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में संवाददाता हमेशा एक नए पुट देने की तलाश में रहते हैं. कुछ नहीं भी हो तो भी भाषण को तोड़-मरोड़कर कुछ नया मोड़ देने की कोशिश की जाती है.
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