नयी दिल्ली : एक जनवरी 2015 से देश में कारें, एसयूवी व दोपहिया वाहन महंगे हो जायेंगे क्योंकि सरकार ने वाहन उत्पादकों को उत्पाद शुल्क में दी गयी छूट को 31 दिसंबर से आगे नहीं बढाने का फैसला किया है.
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सरकार वाहन क्षेत्र को दी गयी उत्पाद शुल्क रियायत को आगे नहीं बढाने जा रही है. वाहन क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट में कारों, एसयूवी तथा दोपहिया पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी. एसयूवी के मामले में उत्पाद शुल्क 30 से घटाकर 24 प्रतिशत, मध्यम आकार की कारों के लिए 24 से घटाकर 20 प्रतिशत व बडी कारों के लिए 27 से घटाकर 24 प्रतिशत किया गया था. जून में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार ने उत्पाद शुल्क रियायत को छह माह बढाकर 31 दिसंबर कर दिया था.
अब इसे आगे नहीं बढाया जा रहा है. लगातार दो साल तक बिक्री में गिरावट देखने के बाद इस साल अप्रैल से नवंबर के दौरान वाहन क्षेत्र की बिक्री 10.01 प्रतिशत बढकर 1.33 करोड इकाई रही है, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.21 करोड इकाई रही थी.
देश में नवंबर में कारों की बिक्री 9.5 प्रतिशत बढी. इससे पिछले दो लगातार महीनों में कारों की बिक्री घटी थी. उत्पाद शुल्क में राहत व ईंधन के दाम कम होने की वजह से वाहनों की बिक्री में नवंबर में इजाफा हुआ.
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अनुसार, नवंबर में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 9.52 प्रतिशत बढकर 1,56,445 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 1,42,849 इकाई रही थी.
कार कंपनियां सरकार से उत्पाद शुल्क में राहत को जारी रखने की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि इस प्रोत्साहन को वापस लिए जाने से यह क्षेत्र एक बार फिर संकट में चला जाएगा.
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा कि यदि यह प्रोत्साहन जारी नहीं रहता है, तो वाहनों के दाम अगले साल और बढ जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘इससे वाहन उद्योग पटरी से उतर सकता है. यदि उत्पाद शुल्क छूट जारी नहीं रहती है, तो दाम चार प्रतिशत बढ जाएंगे. हमें इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालना पडेगा.
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