खुशखबरी : नए साल देश के आसमान में छह नयी विमान कम्पनियां भरेंगी उड़ान

नयी दिल्ली : अगले साल छह नई एयरलाइनों के भारतीय आकाश में उड़ान भरने की संभावना है. सरकार ने राज्यों को क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढावा देने एवं विमान ईंधन पर कर घटाकर विमानन क्षेत्र की मदद करने के लिए हाथ मिलाने को आज कहा. यहां राज्य के विमानन मंत्रियों की एक बैठक में केंद्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 8:15 PM
नयी दिल्ली : अगले साल छह नई एयरलाइनों के भारतीय आकाश में उड़ान भरने की संभावना है. सरकार ने राज्यों को क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढावा देने एवं विमान ईंधन पर कर घटाकर विमानन क्षेत्र की मदद करने के लिए हाथ मिलाने को आज कहा.
यहां राज्य के विमानन मंत्रियों की एक बैठक में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि हवाई यातायात की उंची वृद्धि दर के बावजूद ज्यादातर एयरलाइंस को घाटा हुआ है और कुछ एयरलाइंस तो अपना अस्तित्व बचाने को संघर्षरत हैं. नागर विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कहा कि अगले साल छह एयरलाइनें परिचालन शुरु करेंगी. हालांकि उन्होंने इन कंपनियों का नाम बताने से इनकार किया.
जहां एयरएशिया इंडिया अपना परिचालन शुरु कर चुकी हैं वहीं टाटा-सिंगापुर एयरलाइंस की संयुक्त उद्यम कंपनी विस्तार नौ जनवरी से उडानें शुरु करेगी.
इस साल की शुरुआत में मंत्रालय ने कहा था कि और तीन कंपनियों- क्विकजेट कार्गो एयरलाइंस, लिगारे एविएशन और एलईपीएल प्रोजेक्ट्स (एयर कोस्टा) को हवाई परिचालक परमिट प्रदान किए गए हैं.
हवाई संपर्क को प्रोत्साहन देने की केंद्र की पहल में शामिल होने का राज्यों से अनुरोध करते हुए राजू ने कहा, राज्य करों को घटाने की जरुरत समझते हैं. कुछ राज्य इस दिशा में पहले ही कदम उठा चुके हैं.
राजू ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में हवाई संपर्क बढाने व हवाईअड्डों के लिए एक पैकेज पर भी काम कर रही है. विमानन क्षेत्र के सामने आ रही समस्याओं को गिनाते हुए मंत्री ने कहा कि विमानन उद्योग एटीएफ की लागत, सेवा कर एवं अन्य शुल्क, रखरखाव सुविधाओं की कमी सहित ऊंची परिचालन लागत और ऊंची विनिमय दर व विदेशी एयरलाइनों से प्रतिस्पर्धा से बुरी तरह से प्रभावित है.
उन्होंने कहा कि निजी विमान और हेलीकाप्टरों के आयात पर भी ऊंचा सीमा शुल्क लगता है. सुदूर क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोडने को बढावा देने के लिए हेलिकॉप्टर परिचालन को प्रोत्साहित करने की जरुरत पर बल देते हुए राजू ने कहा कि हाल के वर्षों में हेलीकॉप्टरों की संख्या नहीं बढी है, जबकि छोटे विमान व सीप्लेन जहां के तहां हैं.
मंत्री ने कहा, असल चुनौती हवाई यातायात की जबरदस्त वृद्धि और सुरक्षा को साथ-साथ संभालने की है. यातायात बढने से न केवल विमानों की मांग बढी है, बल्कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हवाईअड्डों व निगरानी ढांचे के सामने चुनौतियां भी बढी हैं.

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