नयी दिल्ली : रक्षा सौदे में अब एजेंट भी जुड़े रह सकते हैं. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस बात पर सहमती जताते हुए कहा कि रक्षा सौदों में कुछ शर्तों के साथ कंपनियां अपने एजेंट या सलाहकार को बहाल कर सकती हैं. पर्रिकर ने एजेंज रखने की स्वीकृति देने के साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि ये एजेंट या सलाहकार कमीशन एजेंट के तौर पर काम नहीं करेंगे और सौदे में उनका सीधे तौर से जुड़ाव नहीं होगा.
पर्रिकर ने कहा कि किसी भी सलाहकार या एजेंट की सूचना कंपनी को सौदे से पूर्व मंत्रालय को उपलब्ध करानी होगी. इतना ही नहीं मंत्रालय काली सूची में डाली गई कंपनियों से मेरिट और जरूरत के मुताबिक साजो-समान लेने से परहेज नहीं करेगा. पर्रिकर ने बताया कि टैट्रा जो यूके की कंपनी है, पर बैन लगा है, लेकिन सरकार इसकी मूल कंपनी से जरूरी समान खरीद रही है ताकि रक्षा तैयारी पर असर ना पड़े.
वैसे, यह यूपीए सरकार की नीति से बिल्कुल अलग है. पूर्व रक्षामंत्री एके एंटोनी के वक्त अगर कहीं भी कंपनी से जुड़ी उपकंपनी में भी किसी घपले की खबर आती थी तो पूरी कंपनी पर बैन लगा दिया जाता था. रक्षा मंत्री ने सेना को भी पूरी तैयारी के साथ अभ्यास का सुझाव दिया है.
उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान किसी भी प्रकार का हादसा ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. इसके साथ ही पाकिस्तान की ओर लगातार हो रहे सीज फायर के सवाल पर रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेना दोगुनी ताकत से पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दे.
उन्होंने ये भी कहा कि कभी भी भारतीय सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करती, लेकिन अगर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन कर फायरिंग किया जाता है तो इसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा.
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