बैंकरों की दो दिवसीय बैठक ”ज्ञान संगम” आज से शुरू, कल पीएम होंगे शामिल
पुणे : बैंकिंग, बीमा, वित्तीय क्षेत्र के 100 से अधिक शीर्ष अधिकारी और नियामक आज से शुरू हो रही दो दिन की बैठक ‘ज्ञान संगम’ में हिस्सा लेंगे तथा विलय एवं अधिग्रहण एवं एनपीए समेत कई मुद्दों पर विचार करेंगे, ताकि बैंकिंग क्षेत्र का पुनरुद्धार किया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों […]
पुणे : बैंकिंग, बीमा, वित्तीय क्षेत्र के 100 से अधिक शीर्ष अधिकारी और नियामक आज से शुरू हो रही दो दिन की बैठक ‘ज्ञान संगम’ में हिस्सा लेंगे तथा विलय एवं अधिग्रहण एवं एनपीए समेत कई मुद्दों पर विचार करेंगे, ताकि बैंकिंग क्षेत्र का पुनरुद्धार किया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की इस बैठक ‘ज्ञान संगम’ में दूसरे दिन हिस्सा लेंगे.
इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों में एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य, इंडियन बैंक के टी एम भसीन, बैंक आफ इंडिया के अध्यक्ष वी आर अय्यर और कार्पोरेशन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस आर बंसल भी भाग लेंगे.
शीर्ष बैंकरों के अलावा इरडा के अध्यक्ष टी एस विजयन और पीएफआरडी के अध्यक्ष हेमंत कान्ट्रैक्टर भी इसमें शामिल होंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया ‘यह बैठक आज दो जनवरी को अपराह्न एक बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी. आरंभिक सत्र जिसमें बैठक के लक्ष्य का ब्योरा दिया जाएगा, के बाद सर्वोत्तम कार्य-व्यवहार पर एक सत्र होगा.
इस सत्र में बैंकों द्वारा किए गए उल्लेखनीय काम को जाहिर किया जाएगा.’ दूसरे दिन की शुरुआत सुबह नौ बजे स्वामी सुखबोधानंदजी के ‘नेतृत्व एवं परिवर्तन प्रबंधन’ पर संभाषण से होगी. ‘ज्ञान संगम’ का एक प्रमुख मुद्दा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय एवं अधिग्रहण भी होगा.
बैंकरों और बीमा अधिकारियों की यहां होने वाली अपने किस्म की पहली बैठक में वित्तीय समावेश और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण पर भी विचार किया जाएगा, जिन पर नयी सरकार ध्यान दे रही है. कुछ अन्य सत्र होंगे जिनमें वैश्विक परामर्श कंपनियों समेत अन्य विशेषज्ञ भाग लेंगे, समूह चर्चा होगी और बेहतरी कार्य-व्यवहार तथा प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा.
यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरे दिन अपनी कार्य योजना का मसौदा पेश करने के साथ खत्म होगी. प्रधानमंत्री बैठक के दौरान वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे, जिसका आयोग इसका पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि क्या गलत हुआ और सार्वजनिक उपक्रम के बैंकों की स्थिति मजबूत करने के लिए बैंकों और सरकारों द्वारा क्या किया जाना चाहिए.
सार्वजनिक बैंकों का पुनर्गठन काफी समय से लंबित हैं और विभिन्न रपटों में कई छोटे सरकारी बैंकों के विलय की सिफारिश के बावजूद इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है. एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों समेत सार्वजनक क्षेत्र के 27 बैंक हैं.
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