नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि रिजर्व बैंक ने हाल ही में रुपये में गिरावट थामने के जो कदम उठाये हैं उनसे लंबे समय के कर्जों पर ब्याज नहीं बढेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने सट्टेबाजी के कारण रुपये पर दबाव को कम करने के लिए ये कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा एक बार अल्पकालिक दबाव काबू में आ जायें और मुझे उम्मीद है इन पर काबू कर लिया जायेगा, रिजर्व बैंक अपने कदम वापस लेने पर विचार करेगा.
मनमोहन आज यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम की 92वीं सालाना आम बैठक का उद्घाटन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने ये कदम बाजार धारणा को शांत करने के लिए उठाये हैं. शुरुआत में बाजार में डालर जारी किये, उसके बाद अल्पकालिक उधार पर ब्याज दरों में वृद्धि की. इन कदमों को दीघकालिक ब्याज दरों में वृद्धि के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
रिजर्व बैंक ने रुपये की मजबूती के लिए इस सप्ताह बैंकों की फौरी तौर पर ली जानी वाली उधार पर ब्याज दर में 2 प्रतिशत वृद्धि कर उसे 10.25 प्रतिशत कर दिया. दूसरी तरफ बाजार से नकदी सोखने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के बांड जारी करने की घोषणा की. उल्लखनीय है कि हाल ही में डालर के मुकाबले रपया एक समय 61.21 रुपये प्रति डालर तक गिर गया था.
मनमोहन ने डालर रपया विनिमय दर में भारी उतार चढाव के लिए वैश्विक बाजारों की उठापटक को बड़ी वजह बताया. अमेरिकी आर्थिक प्रोत्साहनों के तहत बांड खरीद कार्यक्रम को समाप्त किये जाने की आशंका में उभरते बाजारों से विदेशी पूंजी की निकासी तेज होने से ब्राजील, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका जैसे कई उभरते बाजारों की मुद्रा का अवमूल्यन हुआ है.
इस साल अब तक रुपया 7 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है. आज शुरुआती कारोबार में डालर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 59.84 रुपये रही.
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