नयी दिल्ली : रेल मंत्रालय ने शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में ऐलान किया है कि आगामी 10 दिनों तक देश के राज्य सरकारों के साथ मिलकर भारतीय रेलवे 2600 स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करेगा, जिसमें करीब 36 लाख यात्री सफर कर पाएंगे. मंत्रालय ने कहा कि अब तक 35 लाख से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का इस्तेमाल कर चुके हैं. इसके साथ ही, बसों से 40 लाख से ज्यादा लोग यात्रा कर चुके हैं. 2 जून से रेलवे और भी स्पेशल ट्रेन चलाएगा, जिसके लिए 14 लाख बुकिंग हो चुकी हैं. उसने कहा कि पिछले 4 दिनों में 260 स्पेशल ट्रेनें चली हैं और आज तक 26 लाख लोग सफर कर चुके हैं. अगर किसी भी स्टेशन से ज्यादा संख्या में प्रवासी अपने घर जाना चाहेंगे, तो उनके लिए भी ट्रेन सेवा उपलब्ध करवाई जाए.
Shramik Special Trains were started on 1st May. Free meals & drinking water being provided to all the passengers. Social distancing & hygiene protocols being followed in trains & stations: Vinod Kumar Yadav, Chairman, Indian Railways pic.twitter.com/SZDr1T3yrd
— ANI (@ANI) May 23, 2020
भारतीय रेलवे के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जून से 200 और स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि यह शिकायत थी कि श्रमिक भाई बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए टिकट काउंटर खोलने का भी फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर के लिए 5 हजार कोच तैयार किये गये हैं. इसमें लगभग 80 हजार बेड हैं. अभी 50 फीसदी ये कोच श्रमिक स्पेशल में इस्तेमाल हो रहे हैं.
चेयरमैन यादव ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए जो ट्रेनें चलायी जा रही हैं, वे राज्य सरकार के समन्वय के साथ चलायी जा रही हैं. अगर जरूरत पड़ी, तो 10 दिन के बाद भी ट्रेनें शेड्यूल की जाएंगी. उन्होंने कहा कि स्पेशल ट्रेनों के परिचालन की लागत का 85 फीसदी केंद्र सरकार वहन कर रह रही है और 15 फीसदी राज्य सरकारें किराए के रूप में लिया जा रहा है.
इसके पहले गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने कहा कि देश के राज्यों को खाद्य पदार्थों और जरूरी सामानों की कमी को लेकर उड़ाई जा रही अफवाहों क जांच कराने की सलाह दी गयी थी. उन्होंने कहा कि 28 मार्च को एक आदेश के जरिये राज्यों को कहा गया कि वे राहत केंद्रों पर भोजन का प्रबंध कर सकते हैं. इसके लिए राज्यों को बीते 3 अप्रैल को सरकार की ओर से करीब 11 हजार करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गयी.
संयुक्त सचिव ने कहा कि राज्यों ने लोगों के लिए काफी प्रबंध किए. लॉकडाउन के दूसरे चरण में कई आर्थिक गतिविधियों की छूट दी गयीं. राज्य के भीतर कार्यस्थलों की आवाजाही को अनुमति दी गयी. बाद में अंतरराज्यीय आवाजाही की भी अनुमति दी गयी. 1 मई को ट्रेन द्वारा भी लोगों को उनके निवास स्थान तक भेजने की व्यवस्था की गयी.
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