नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लौह अयस्क तथा अन्य खनिजों की खान नीलामी के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी. सरकार इससे पहले कोयला, बीमा तथा भूमि अधिग्रहण सुधारों के लिए भी अध्यादेश का यह आपात तरीका अपना चुकी है.
आधिकारिक सूत्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लौह अयस्क तथा गैर-कोयला खनिजों की खानों की नीलामी के लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’
इस अध्यादेश से लौह अयस्क तथा अन्य गैर कोयला खानों के आवंटन के लिए प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा. इसके साथ ही परियोजना प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए जिला खनिज कोष बनाए जाएंगे. खान मंत्रालय खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 1957 में संशोधन के लिए विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं कर पाया था.
इसके चलते सरकार को खानों के आवंटन में परेशानी हो रही थी और उसने अध्यादेश की राह अपनाने का फैसला किया. उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्टरीज ने हालांकि नीलामी मार्ग का विरोध किया है. संगठन का कहना है कि यह इस उद्योग के लिए ‘ताबूत की आखिरी कील’ साबित होगा.
इस अध्यादेश से संसाधनों के आवंटन के लिए राज्यों को और अधिक अधिकारों का विकेंद्रीकरण होगा. खनन क्षेत्र पिछले कई साल से प्रतिबंध सहित अनेक मुद्दों का सामना कर रहा है. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार भी 2011 में कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई थी लेकिन यह तत्कालीन लोकसभा के भंग होने के साथ ही निरस्त हो गया था.कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस अध्यादेश को अब मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
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