आर्थिक अनिश्चितता से देश में सालाना दो से तीन अरब डालर का निवेश प्रभावित होगा

नयी दिल्ली: आर्थिक एवं नीतिगत मोर्चे पर अनिश्चितता से देश में निजी इक्विटी कोषों तथा उद्यम पूंजी कोषों का दो से तीन अरब डालर का निवेश घट सकता है. निवेशकों के समूह आईवीसीए ने यह अनुमान लगाया है. इंडियन वेंचर कैपिटल एंड प्राइवेट इक्विटी एसोसिएशन :आईवीसीए: ने कहा है कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2013 2:18 PM

नयी दिल्ली: आर्थिक एवं नीतिगत मोर्चे पर अनिश्चितता से देश में निजी इक्विटी कोषों तथा उद्यम पूंजी कोषों का दो से तीन अरब डालर का निवेश घट सकता है. निवेशकों के समूह आईवीसीए ने यह अनुमान लगाया है.


इंडियन
वेंचर कैपिटल एंड प्राइवेट इक्विटी एसोसिएशन :आईवीसीए: ने कहा है कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश को लेकर सतर्क हैं. उसने कहा कि देखो और इंतजार करोका रख ज्यादा समय तक नहीं चल सकता. आईवीसीए का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि देश में वृद्धि दर कमजोर पड़ी है और साथ प्रस्तावित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों को लेकर अनिश्चितता है. आईवीसीए 100 से अधिक पीई और वीसी फर्मों का प्रतिनिधित्व करता है. इसके सदस्यों में वारबर्ग पिन्कस इंडिया तथा टेमासेक शामिल हैं.


आईवीसीए
ने कहा कि चीजें मुश्किल हैं और ये और कठिन होती जा रही हैं. इसके अलावा हम जानते हैं कि आगामी आम चुनाव की वजह से नीतिगत मोर्चे पर फैसला लेना काफी मुश्किल है.
आईवीसीए के अध्यक्ष महेंद्र स्वरुप ने पेट्र्र से साक्षात्कार में कहा, आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता से अगले कुछ साल में देश में 8 से 10 अरब डालर का निवेश प्रभावित हो सकता है. यदि स्थिति नहीं सुधरी तो हर साल भारत को दो से तीन अरब डालर के निवेश का नुकसान होगा. आईवीसीए के सदस्य करीब 45 अरब डालर की परिसंपत्तियों का प्रबंधन कर रहे हैं.

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