मुंबई/नयी दिल्ली : कल करीब नौ सौ अंक की गिरावट के साथ बंद हुए शेयर बाजार पर आज सबकी निगाहें हैं. सबको बाजार खुलने का इंतजार है. वहीं दूसरी ओरकच्चे तेल के दामों में गिरावट से देश में पेट्रोल डीजल तो सस्ता हो सकता है लेकिन इससे रुपये का अमूल्यन का भी खतरा है. रुपये के अवमूल्यन से अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक बुरा असर पड़ सकता है. कच्चे तेल के दाम गिरने का फायदा, सरकार लोगों को कब तक देती है, इसके लिए हमें इंतजार करना होगा.
गिरावट की वजह
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत कम होने की वजह अमेरिका, यूरोप और चीन में ब्रैंट क्रूड की मांग में कमी आना है. अमेरिका, चीन और यूरोप के देशों ने अपने यहां ही क्रूड ऑयल का उत्पादन शुरू कर दिया. इससे ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज(ओपेक)देशों के ब्रैंट क्रूड ऑयल की मांग कम हो गयी. नतीजा यह हुआ कि ओपेक देशों के सदस्य देशों कुवैत और इराक ने क्रूड ऑयल पर भारी डिस्काउंट देना शुरू कर दिया. इसके चलते दूसरे देशों को सस्ता ब्रैंट क्रूड मिलने लगा.
कैपिटल फ्लो होगा कमजोर
भारत में जो फंड्स निवेश होते हैं उनका स्नेत मुख्य रूप से सरकारी फंड्स, पेंशन फंड्स और इंश्योरेंस फंड्स हैं. यदि नॉर्वे, सऊदी अरब, अबू धाबी, कतर और कुवैत को सरप्लस कमाई नहीं होगी तो वे कम पूंजी बाहर भेज सकेंगे जिसका मतलब यह हुआ कि भारत में कैपिटल का फ्लो उतना मजबूत नहीं रहेगा जैसा पहले था.
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