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2 जी मामला: अंबानी की याचिका पर आज होगी सुनवाई

नई दिल्ली : रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी को यहां की एक अदालत ने 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में 26 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने को कहा है. अदालत का यह निर्देश अनिल और उनकी पत्नी टीना अंबानी को अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर तलब करने के निचली अदालत के फैसले […]

नई दिल्ली : रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी को यहां की एक अदालत ने 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में 26 जुलाई को अदालत में उपस्थित होने को कहा है.

अदालत का यह निर्देश अनिल और उनकी पत्नी टीना अंबानी को अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर तलब करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) की याचिका पर उच्चतम न्यायालय केआजसुनवाई करने का फैसला करने के कुछ ही घंटे बाद आया.

अंबानी दंपति को सीबीआई के गवाह के रुप में तलब करने के विशेष सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए आरटीएल ने प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम, न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पीठ का दरवाजा खटखटाया. पीठ ने बुधवार को सुनवाई पर सहमति दे दी लेकिन आरटीएल की याचिका पर इसे एक दिन पहले खिसकाते हुए सुनवाई की तारीख कल निर्धारित कर दी.

मामले में आरोपी तीन कंपनियों में से एक आरटीएल ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी के आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने एडीएजी के अध्यक्ष और उनकी पत्नी को सीबीआई की याचिका पर अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया था. सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी गवाही एडीएजी की कंपनियों के कथित तौर पर स्वान टेलीकॉम में 2 जी स्पेक्ट्रम के संबंध में 990 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने पर प्रकाश डालेगी.

आरटीएल की याचिका पर शीर्ष अदालत के सुनवाई का फैसला करने के बावजूद निचली अदालत ने शुक्रवार को अदालत के समक्ष हाजिर होने के लिए अनिल अंबानी को सम्मन जारी किया.

इससे पहले दिन में शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि निचली अदालत के 19 जुलाई के आदेश को चुनौती देने वाली आरटीएल की याचिका पर उचित पीठ सुनवाई करेगी. आरटीएल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया क्योंकि न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इससे पहले उच्च न्यायालय समेत अन्य सभी अदालत के 2 जी मामले से जुड़ी किसी भी याचिका पर सुनवाई करने पर रोक लगा दी थी.

निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है.अदालत ने कहा था कि मामले में उचित फैसले पर पहुंचने के लिए अनिल अंबानी, टीना और 11 अन्य को अभियोजन पक्ष के गवाह के रुप में बुलाया जाना आवश्यक है.

अदालत ने यह भी कहा था कि छद्म (शेल) कंपनियों के संयोजन से संबंधित तथ्यों को साबित करने के लिए अनिल और टीना की गवाही जरुरी है क्योंकि क्योंकि कुछ गवाह, जिनसे पूर्व में जिरह की जा चुकी है, ऐसा करने में सफल नहीं रहे हैं.

अदालत ने आरोपियों के वकील की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि सीबीआई ने देर से आग्रह किया है और कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की प्रक्रिया जारी है. आएडीएजी की समूह कंपनी आरटीएल इस मामले में एक आरोपी है. रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष अधिकारियों..गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपरा और हरि नायर भी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरटीएल ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को 2जी लाइसेंस तथा महंगी रेडियो तरंगें हासिल करने के लिए अपनी मुखौटा कंपनी के रुप में इस्तेमाल किया.

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