रिजर्व बैंक के निर्यात बढ़ाने के उपायों से महंगा होगा सोना

नई दिल्ली : रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा आयातित सोने का 20 प्रतिशत अनिवार्य रुप से निर्यात किए जाने के निर्देश से चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति सुधरेगी. व्यापारियों और सर्राफा कारोबारियों ने यह बात कही. जहां निर्यातकों ने रिजर्व बैंक के इस कदम का स्वागत किया है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2013 11:24 PM

नई दिल्ली : रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा आयातित सोने का 20 प्रतिशत अनिवार्य रुप से निर्यात किए जाने के निर्देश से चालू खाते के घाटे (कैड) की स्थिति सुधरेगी. व्यापारियों और सर्राफा कारोबारियों ने यह बात कही.

जहां निर्यातकों ने रिजर्व बैंक के इस कदम का स्वागत किया है, वहीं सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि इससे आभूषण विनिर्माताओं तथा उपभोक्ताओं दोनों के लिए सोना महंगा होगा.

बांबे बुलियन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने कहा, ‘‘सरकार ने आयात के 20 प्रतिशत के निर्यात को अनिवार्य कर दिया है. इससे निर्यातक किसी भी कीमत पर निर्यात करना चाहेगा. यदि निर्यात में उसे कुछ घाटा होता है, तो वह इसकी भरपाई घरेलू बाजार से करेगा.’’

उन्होंने समझाते हुए कहा कि निर्यात में नुकसान होने पर निर्यातक इसकी भरपाई घरेलू बाजार में आभूषण बनाने वालों को अधिक मूल्य पर सोने की बिक्री कर करेगा. वहीं आभूषण निर्माता इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालेंगे. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के इस उपाय से आभूषण निर्माता तथा उपभोक्ता दोनों के लिए सोना महंगा होगा.

गीतांजलि समूह के प्रबंध निदेशक मेहुल चौकसी ने रिजर्व बैंक के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि 20 फीसद आयात निर्यात के लिए रखना उचित कदम है. इससे चालू खाते के घाटे की स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी और रुपये को मजबूती मिलेगी.

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