नयी दिल्ली : ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया लिमिटेड को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में ईंधन सब्सिडी भुगतान से छूट मिल सकती है. विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम 50 डालर प्रति बैरल से नीचे आने की स्थिति के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला किया है.
तेल उत्खनन कंपनियां तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) तथा ऑयल इंडिया लिमिटेड (ऑयल) ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को रसोई गैस तथा हाल तक डीजल की सरकारी नियंत्रित मूल्य पर बिक्री करने से होने वाले नुकसान के करीब आधे की भरपाई करती रही हैं.
उत्खनन कंपनियां ये सब्सिडी खुदरा तेल कंपनियों को कच्चा तेल कम दाम पर बेचकर देती रहीं हैं. तेल उत्खनन कंपनियों के लिये 2013 में कच्चे तेल की बिक्री का भाव 56 डालर प्रति बैरल रखा गया था. लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम नीचे आने के बाद मामले से जुडे सूत्रों ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सरकार चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में ओएनजीसी तथा ओआईएल को सब्सिडी भुगतान से छूट देने पर विचार कर रही है.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कल कहा था कि सरकार सब्सिडी साझेदारी फार्मूले पर फिर से काम कर रही है. सूत्रों के अनुसार तेल एवं गैस उत्खनन कंपनियों का सब्सिडी बोझ 2008-09 में 32,000 करोड रुपये (कुल नुकसान का 30 प्रतिशत) था और वह 2013-14 में बढकर 67,021 करोड रुपये (कुल नुकसान का 48 प्रतिशत) हो गया. वित्त वर्ष 2013-14 में ओएनजीसी ने रिकार्ड 56,384 करोड रुपये सब्सिडी योगदान दिया.
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