केयर्न, हिंदुस्तान जिंक के विलय की संभावना टटोल रही है वेदांता

जयपुर: प्रमुख खनिज उद्योगपति अनिल अग्रवाल केयर्न इंडिया तथा हिंदुस्तान जिंक का विलय अपने वेदांता ग्रुप की कंपनी सेसा स्टरलाइट में करना चाहते हैं ताकि रियो टिंटो या बीएचपी बिलिटन जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनी के मुकाबले की वैश्विक प्राकृतिक संसाधन कंपनी खडी की जा सके. अग्रवाल ने को एक साक्षात्कार में कहा कि इन दोनों कंपनियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2015 4:10 PM

जयपुर: प्रमुख खनिज उद्योगपति अनिल अग्रवाल केयर्न इंडिया तथा हिंदुस्तान जिंक का विलय अपने वेदांता ग्रुप की कंपनी सेसा स्टरलाइट में करना चाहते हैं ताकि रियो टिंटो या बीएचपी बिलिटन जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनी के मुकाबले की वैश्विक प्राकृतिक संसाधन कंपनी खडी की जा सके.

अग्रवाल ने को एक साक्षात्कार में कहा कि इन दोनों कंपनियों के सेसा स्टरलाइट में विलय की व्यावहारिकता पर विचार विमर्श के लिए परामर्शक नियुक्त किए गए हैं.

उन्होंने कहा,‘हमने परामर्शक से इस पर विचार करने को कहा है.’ उन्होंने कहा कि परामर्शक विचार करेंगे कि ‘तेल एवं गैस तथा उर्जा कंपनियों को अलग रखना या हिंदुस्तान जिंक का विलय, केयर्न का विलय व्यावारिक है ताकि हम बीएचपी जैसी कंपनी खडी कर सकें. यह एक मॉडल हो सकता है. यह सब शेयरधारकों पर निर्भर करता है. अगर सुझाव आता है तो हमारे पास विलय का विकल्प खुला है.

’ देश की सबसे बडी जस्ता व एल्युमिनियम कंपनी सेसा स्टरलाइट कर्ज के नीचे दबी है और 31 मार्च 2014 तक उस पर 29,769 करोड रुपये का कर्ज था. वहीं केयर्न व हिंदुस्तान जिंक नकदी कमा रही कंपनियां हैं. सेसा की इन दोनों कंपनियों में नियंत्रण भागीदारी है. सेसा की कर पूर्व आय में केयर्न व हिंदुस्तान जिंक का हिस्सा लगभग 80 प्रतिशत है.

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