गांधीनगर : निवेशकों को त्वरित निर्णय एवं संतुलित कर व्यवस्था का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज भरोसा जताया कि आने वाले दिनों में देश में निवेश गतिविधियां जोर पकडेंगी और सरकार देश से बाहर निकल रही पूंजी पर अंकुश लगाने में सफल रही है.
जेटली ने प्रमुख सुधारों के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाने के संबंध में त्वरित निर्णय को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे विपक्षी दलों को भी निशाने पर लिया.
वित्त मंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि कारोबार करना आसान बनाना सरकार के लिए महज एक नारा नहीं है. जेटली ने देश की नीतिगत व्यवस्था में स्थायित्व लाने के लिए नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का फैसला आखिरी होता है.
कल मोदी ने एक पारदर्शी और निष्पक्ष नीतिगत माहौल व संतुलित कर प्रणाली के साथ भारत को कारोबार करने के लिहाज से सबसे आसान जगह बनाने का वादा किया था.
जेटली ने यहां वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहा, निवेश आकर्षित करने के लिए आपकी नीतियों में स्थायित्व होना चाहिए, आपकी दिशा स्पष्ट होनी चाहिए और उस दिशा में चलने की गति तेज होनी चाहिए. सम्मेलन में भारतीय और विदेशी कंपनियों ने 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है.
जेटली ने कहा, एक लोकतंत्र देश में प्रधानमंत्री का फैसला आखिरी होता है. प्रधानमंत्री निर्णय क्षमता वाला होना चाहिए और वह जो भी निर्णय वह करता है, उसके नतीजों का सामना करने के लिए उसे तैयार भी रहना चाहिए. आप सरकार के बाहर ऐसी व्यवस्थाओं का निर्माण नहीं कर सकते जो प्रधानमंत्री के फैसले को पलट सके. जेटली ने कहा, आने वाले दिनों में मुझे निवेश गतिविधियों में तेजी आती दिख रही है. उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं और सोच काफी उत्साहजनक है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं ढांचागत सुविधाओं पर अधिक खर्च करने, वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए विनिर्माण में खर्च को प्रोत्साहन देने और रोजगार के अवसरों का सृजन करने की हैं.
जेटली ने कहा कि सरकार ने देश से बाहर जा रही पूंजी पर अंकुश लगाने में सफलता हासिल की है. पिछले तीन-चार साल में पूंजी बाहर जा रही थी. उन्होंने अफसोस जताया कि त्वरित निर्णय करने के लिए राजग सरकार की आलोचना की जा रही है.
जेटली ने कहा, पिछले एक महीने में हमारी सरकार की सबसे बडी आलोचना जो मुझे देखने को मिली है, वह यह है कि आपने इतनी तेजी से निर्णय क्यों किए. आपको इंतजार करना चाहिए था. विपक्ष जब राज्यसभा को चलने देने का निर्णय करता तब तक आपको इंतजार करना चाहिए था. आप फैसले करने के अधिक तीव्र रास्ते क्यों अपना रहे हैं. जेटली ने कहा कि वास्तव में यह ओछी आलोचना है.
उन्होंने कहा कि यदि संसद का एक सदन काम शुरु करने में थोडा वक्त लेता है तो भी भारत आगे बढने से नहीं रुक सकता, वैश्विक निवेशकों को यह संदेश देने के लिए सही दिशा में त्वरित निर्णय करने जरुरी थे.
वित्त मंत्री का यह बयान उस संदर्भ में मायने रखता है, जहां कुछ प्रमुख सुधारवादी विधेयक राज्यसभा में अटके पडे हैं. राज्यसभा में भाजपा और उसके गठबंधन के दलों का बहुमत नहीं है.
जेटली ने संप्रग सरकार द्वारा पिछली तारीख से कर लगाने के लिए कानून में संशोधन करने के लिए आलोचना की जिसके कारण निवेशक भयभीत हुए. उन्होंने कहा मौजूदा सरकार वैर-भाव से मुक्त कर प्रणाली के प्रति प्रतिबद्ध है. राजग सरकार ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि पिछली तारीख से कराधान के विचार में भरोसा नहीं करते हैं और उनका राजस्व जुटाने के लिए इस प्रावधान के उपयोग की कोई मंशा नहीं है. सरकार आक्रामक कर प्रणाली का समर्थन नहीं करती.
उन्होंने कहा कि मंत्रालय घरेलू निवेशकों के लिए भी कर संबंधी मामलों में एडवांस रलिंग (अग्रिम समझौते) की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है. पिछले सात महीनों में सरकार ने बीमा और रक्षा जैसे कई क्षेत्रों को निवेश के लिए खोला है.
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