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सातवां वाइब्रेट गुजरात सम्मिट में 21 हजार एमओयू व 25 लाख करोड़ के निवेश समझौते हुए

गांधीनगर : भारत और विदेशों से आये उद्योगपतियों ने गुजरात में आयोजित वाइबेंट्र गुजरात शिखर सम्मेलन में 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के 21,000 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किया है. हर दो साल में होने वाले इस सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे. […]

गांधीनगर : भारत और विदेशों से आये उद्योगपतियों ने गुजरात में आयोजित वाइबेंट्र गुजरात शिखर सम्मेलन में 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के 21,000 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किया है.
हर दो साल में होने वाले इस सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे. निवेश को लेकर हुआ यह समझौता इससे पहले वर्ष 2013 में हुए वाइब्रेंट गुजरात के मुकाबले दोगुने से भी अधिक हैं. वर्ष 2013 में 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना वाले 17,000 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किया गया था. हाल में आयोजित पश्चिम बंगाल वैश्विक व्यावसायिक सम्मेलन के मुकाबले तो वाइब्रेंट गुजरात की मौजूदा राशि दस गुणा से भी अधिक है.
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इन आंकड़ों की घोषणा करते हुए कहा कि इनमें 1,225 रणनीतिक भागीदारी वाले समझौते भी हैं. हालांकि, उन्होंने इसका ब्यौरा नहीं दिया. उन्होंने उन कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. जिन कंपनियों ने निवेश के बारे में जानकारी दी है उनमें रिलायंस इंडस्टरीज, अदाणी समूह, आदित्य बिड़ला समूह, सुजलॉन और वीडियोकोन के साथ साथ विदेशी कंपनियां जैसे रियो टिंटो, सुजुकी और सीएलपी होल्डिंग्स शामिल हैं.
इन प्रस्तावों में देश में लाखों रोजगार सृजित होने का दावा किया गया है. सातवें वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी से इस सम्मेलन के बारे में पूरी दुनिया में काफी प्रचार हो गया.
सम्मेलन के दूसरे दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत में आने वाले दिनों में निवेश कार्य तेजी से बढ़ेगा. नयी सरकार ने देश से पूंजी के बाहर जाने की रफ्तार को रोक दिया है. पिछले तीन चार साल में ऐसा हो रहा था.
जेटली ने सरकार की और से निवेशकों को जल्द फैसले करने और स्थिर कर प्रशासन का भरोसा दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस भरोसे को और बढ़ाया जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को व्यावसाय के लिहाज से सबसे बेहतर स्थल बनाया जायेगा.उन्होंने कहा ‘पूरी दुनिया ने हम पर भरोसा किया है और अब गुजरात सरकार और साढ़े छह करोड़ गुजरातियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह वैश्विक उद्योगों के साथ सहयोग करें’.
गुजरात की मुख्यमंत्री ने कहा, पिछले छह सम्मेलनों में भारत के प्रधानमंत्री ने इसमें नहीं भाग लिया लेकिन मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस बार भारत के प्रधानमंत्री ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और उनकी उपस्थिति से पूरी दुनिया में इस सम्मेलन का प्रचार प्रसार हुआ है.’उन्होंने कहा कि अब समय परीक्षा का है . यह केवल एक द्विवार्षिक सम्मेलन ही नहीं है बल्कि एक ऐसी नदी है जो लगातार बहती रहती है.
आनंदी बेन पटेल ने पिछले साल मई में गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला जब भारतीय जनता पार्टी को आम चुनावों में भारी विजय मिलने पर नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने.

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