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कच्चे तेल की कीमत 45.86 डॉलर प्रति बैरल, नहीं घटी खुदरा पेट्रोल की कीमत

नयी दिल्ली/मुंबई : अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है. हालत यह कि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 45.86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. इसके बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में किसी तरह की कमी नहीं की जा रही है. दुखद बात यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 8:31 AM

नयी दिल्ली/मुंबई : अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है. हालत यह कि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 45.86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. इसके बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में किसी तरह की कमी नहीं की जा रही है. दुखद बात यह भी है कि कल तक जिस दल के नेता यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सड़क से संसद तक कोहराम मचाए हुए थे, आज सत्ता में दाखिल होने के बाद उन लोगों ने भी चुप्पी साध रखी है.

कंपनियों के खाते में जा रहा है आम आदमी का लाभ

हालांकि, यह भी जगजाहिर है कि पेट्रोल-डीजल के दाम सरकारी नियंत्रण से मुक्त होकर बाजार के हवाले हो गये हैं. इस लिहाज से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम उतार-चढ़ाव के साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी कमी-वृद्धि होना लाजिमी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारे में घटते कच्चे तेल के दाम का लाभ देश की आम जनता को नहीं मिल रही है. इसका लाभ सीधे-सीधे देश के उन तेल कंपनियों के खाते में जमा हो रहा है, जो नयी सरकार के गठन होने के कुछ दिन बाद ही घाटे से उबर चुकी हैं.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत दो डॉलर प्रति बैरल से अधिक गिरावट

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रलय के अनुसार, सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 45.86 डॉलर प्रति डॉलर रही. इसके पहले नौ जनवरी को यह कीमत 47.36 डॉलर प्रति बैरल थी. रुपये के संदर्भ में सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 2850.66 रुपये प्रति बैरल हो गयी. यह नौ जनवरी को 2955.26 रुपये प्रति बैरल थी.

पेट्रोल का दाम 61 रुपये : सोचने वाली बात यह भी है कि जिस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल थी, उस समय देश में पेट्रोल 75 रुपये प्रति लीटर था. आज जब यह 45.86 डॉलर प्रति बैरल है, तब भी पेट्रोल 61 रुपये प्रति लीटर पर बरकरार है. बाजारों में घटते तेल की कीमतों का सीधा लाभ देश की आम अवाम को न मिल कर तेल कंपनियों को दिया जा रहा है.

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