आगे काफी सुनहरा समय लगता है भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए : अरविंद सुब्रमणियन

नयी दिल्ली : वित्त मंत्रलय के मुख्य अर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज कहा कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘काफी सुनहरा’’ लगता है. उन्होंने कहा कि चालू खाते के घाटे में कमी और नयी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 3:59 PM
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रलय के मुख्य अर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज कहा कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘काफी सुनहरा’’ लगता है. उन्होंने कहा कि चालू खाते के घाटे में कमी और नयी सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों में हालात में उल्लेखनीय बदलाव दिखे हैं.
सुब्रमणियन ने यहां एक कार्यशाला में कहा, ‘‘पिछले साल जुलाई में भारत वृहत्-आर्थिक संकट के कगार पर पहुंच गया था हालांकि अगले 16 महीने के हिसाब से तसवीर बहुत अलग दिखाई देती है. पिछले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं.’’ सुब्रमणियन ने कहा, ‘‘सबसे बड़ा बदलाव है नयी सरकार का सत्ता में आना जिसने कई तरह के सुधार किए है. आने वाले दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी सुनहरे होने चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि चालू खाते का घाटा(कैड) अब काबू में है.
सुब्रमणियन ने कहा ‘‘भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिंसों की कीमत में भारी गिरावट से फायदा हुआ है, क्योंकि इससे चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिली है.’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत एक विशेष स्थिति में दिखता है. विश्व बैंक ने कल जारी संशोधित अनुमान में भारत के अलावा सभी प्रमुख देशों की वृद्धि में गिरावट की बात कही है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नकदी की स्थिति उत्साहजनक है. उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें और निवेश करना चाहिए. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अर्थव्यवस्था की वृद्धि को प्रोत्साहित करने में वास्तविक योगदान करना चाहिए. इस मौके पर केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री अनंत गीते ने कहा कि उनके मंत्रलय की नीति है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के रोजमर्रा के कामकाज में बिल्कुल हस्तक्षेप नहीं किया जाए.

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