संयुक्त राष्ट्र का अनुमान, मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत होगी
सयुंक्त राष्ट्र: एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत होगी. जिससे दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र ने पेश किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुप्रतीक्षित ढांचागत सुधारों के कार्यान्वयन में गति से 2015 में देश का आर्थिक निष्पादन बेहतर रहने […]
सयुंक्त राष्ट्र: एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत होगी. जिससे दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र ने पेश किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुप्रतीक्षित ढांचागत सुधारों के कार्यान्वयन में गति से 2015 में देश का आर्थिक निष्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है.सयुंक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग-एशिया और प्रशांत (इस्केप) ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के बारे में अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है.
इसमें कहा गया है कि दक्षिण व दक्षिण पश्चिम एशिया की आर्थिक वृद्धि दर 2015 में 5.3 प्रतिशत हो सकती है जो कि चार साल का उच्चतम स्तर होगा.
इसके अनुसार, मुख्य रूप से भारत में वृद्धि से यह सकारात्मक धारणा बन रही है. इसके अनुसार 2015 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल 5.5 प्रतिशत थी.
इसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित व क्रियान्वित सुधारों से 2014 के आखिरी महीनों में उपभोक्ताओं व कंपनियों का भरोसा बढ़ा और आर्थिक वृद्धि में बढ़ोतरी दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट और घटती मुद्रास्फीति से एशिया व प्रशांत क्षेत्र की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की औसत वृद्धि दर इस साल 5.8 प्रतिशत रहेगी जो कि 2014 में 5.6 प्रतिशत थी.
इसमें कहा गया है कि ढांचागत क्षेत्र के सुधारों और कच्चे तेल के घटे दाम से सतत विकास के लिये वृद्धि को और बढ़ावा मिल सकता है.रिपोर्ट में वर्ष 2015 के दौरान भारत में मुद्रास्फीति की अनुमानित दर एक साल पहले के 6.7 प्रतिशत से घटकर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.
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