नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुणजेटली ने रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती स्वागत करते हुए कहा कि मुख्य दरों में कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है. जेटली ने कहा कि दरों में कटौती से लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे आएंगे और निवेश चक्र सुधारने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है तथा इससे निवेश चक्र को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी, जिसे सरकार बहाल करने की कोशिश कर रही है.
जेटली ने कहा ‘आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती के फैसले से उपभोक्ताओं के हाथ में अधिक खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे आएंगे.’ उन्होंने कहा ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह सकारात्मक है और इससे निश्चित तौर पर निवेश चक्र पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी जिसे सरकार बहाल करना चाहती है.’ गौरतलब है कि वित्त मंत्री केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं. उल्लेखनीय है कि आज आरबीआई ने मुख्य दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर 7.75 प्रतिशत करने की घोषणा की.
आरबीआई ने सबको चौंकाया
पिछले कई दिनों से तमाम मीडिया घरानों में रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की खबरे आ रही थीं. हर माह के समीक्षा रिपोर्ट में लगातार थोक महंगाई दर और खुदरा महंगाई दरों में कमी का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जतायी जा रही थी. इन सभी के बीच आज आखिरकार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती की घोषणा करते हुए बैंकों को ब्याज दरों में कटौती का सुझाव भी दे डाला.
रिजर्व बैंक का रेपो रेट में कटौती का फैसला सबको चौंकाने वाला है. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और नयी मोदी सरकार के बीच अनबन की खबरें भी मीडिया में प्रमुखता से आ रही थी. वहीं राजन और वित्त मंत्री अरूण जेटली के बीच भी अनबन की खबरे आ रही थीं. इस बीच अरूण जेटली ने एक बयान में स्पष्ट भी किया था कि उनके और रिजर्व बैंक गवर्नर के बीच कुछ भी विवाद नहीं है.
आपको बता दें की मोदी सरकार के सत्ता संभलने के कुछ दिनों बाद ही रघुराम राजन को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया है. कल ही थोक मुद्रास्फीति शून्य पर आने की खबरे भी आयीं और रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव भी बना. सभी बैंकों ने रिजर्व बैंक के फैसले का स्वागत किया है और अपने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा भी करनी शुरू कर दी है. रिजर्व बैंक ने दिसंबर में कहा था कि मौद्रिक पहलों में बदलाव के बाद इसके बाद की पहले इसके अनुरुप होंगी.
आरबीआई के बयान में कहा गया ‘आने वाले दिनों में दरों में कटौती के लिए मुद्रास्फीतिक कम करने वाले दबाव बरकरार रहने की पुष्टि करने वाले आंकडे महत्वपूर्ण रहेंगे. इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाला सतत राजकोषीय पुनर्गठन और आपूर्ति बाधाओं को दूर करने की पहल तथा बिजली, भूमि, खनिज एवं बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख अवयवों की सुनिश्चित उपलब्धता भी महत्वपूर्ण होगी.’ वहीं सरकार का मानना है रिजर्व बैंक के फैसले से आम आदमी के हाथों में पैसा आयेगा, जिससे बाजार की स्थिति मजबूत होगी.
बाजार में आयेगा पैसा
रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने वाले फैसले क तुरंत बाद ही इसका असर देश के शेयर बाजार पर देखने को मिला. शेयरों में बंपर तेजी देखी जा रही है. कल लगभग 74 अंकों की गिरावट पर बंद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 600 से ज्यादा अंकों के साथ खुला और अभी भी 500 से अधिक अंकों पर कारोबार कर रहा है. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी गिरावट के साथ खुला जरुर, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही इसमें लगभग 150 अंकों की तेजी देखने को मिली.
अब बाजार में पैसे आते तो साफ दिख रहे हैं. वहीं वित्त मंत्री का ये बयान कि रिजर्व बैंक के फैसले से आम लोगों के हाथों में पैसा आयेगा भी सही लग रहा है. रिजर्व बैंक के फैसले के आद होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि पर विभिन्न बैंकों के ब्याज दरों में कमी आयेगी. इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिलने की उम्मीद है. आम लोगों को इएमआइ में भी राहत मिलने की उम्मीद है. रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक भी दिल खोल कर लोगों को ऋण देंगे और इस पैसे से बाजार मजबूत होने की उम्मीद भी जतायी जा रही है.
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