नयी दिल्ली : आरबीआइ द्वारा ब्याज दरों में कटौती का स्वागत करते हुए शीर्ष बैंक एसबीआइ और आइसीआइसीआइ बैंक ने आज कहा कि ऋण और जमा दरों में बहु-प्रतीक्षित कटौती अब निश्चित तौर पर होगी. बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की कोई निश्चित समयसीमा बताने से बचते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर ब्याज दरों में समीक्षा होगी.
यह पूछने पर कि क्या अब ऋण और जमा दरों में कटौती होगी आइसीआइसीआइ बैंक की मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर ने कहा ‘मुझे लगता है कि निश्चित तौर पर ऐसी कटौती होगी जिसके बारे में (ब्याज चक्र में नरमी के संबंध में) हम पिछले कुछ दिनों से बात करते रहे हैं.’
गौरतलब है कि आरबीआइ ने आज मुख्य दरें 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.75 प्रतिशत कर दी. भारतीय रिजर्व बैंक ने यहां जारी एक बयान में कहा ‘नकदी समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को तुरंत प्रभाव से 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.75 प्रतिशत कर दिया है जो फिलहाल आठ प्रतिशत है.’
आरबीआई ने इससे पहले मई 2013 में रेपो दर घटाया था जबकि इसे 7.5 प्रतिशत से घटाकर 7.25 प्रतिशत कर दिया गया. इसके बाद से मुख्य दरें बढती रहीं और जनवरी 2014 से यह आठ प्रतिशत पर है. मुख्य दरों में कटौती मुद्रास्फीति में गिरावट और चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के 4.1 प्रतिशत के लक्ष्य पर कायम रहने के संबंध में सरकार की प्रतिबद्धता के मद्देनजर की गयी है.
आरबीआइ ने कहा ‘इन घटनाक्रमों से मौद्रिक नीति की पहल में बदलाव की गुंजाइश बनी.’ विश्लेषकों का मानना है कि आज के फैसले से खुदरा ऋण की ब्याज दर में कटौती का रास्ता साफ होगा जिससे आवास, वाहन और अन्य उपभोक्ता ऋण की मासिक किस्त में कटौती का रास्ता साफ होगा.
आरबीआइ के फैसले का स्वागत करते हुए एसबीआइ की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा ‘हमारा मानना है कि यह कटौती ब्याज दरों में नरमी के चक्र की शुरुआत भर है.’ इधर बैंक आफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष एस मुन्होट ने कहा कि कई बैंक अब ब्याज दरों में कटौती पर विचार करेंगे.
उन्होंने कहा ‘हमने आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद में पिछले महीने अपने आधार दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती पहले ही कर दी है. अब हम कटौती के लिए सूक्ष्म, लधु एवं मध्यम उपक्रम जैसे चुनिंदा क्षेत्रों पर विचार करेंगे.’
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