फायदा अगर पूंजीपतियों को तो नुकसान भरने के लिए भी वे ही रहें तैयार : राजन

केंद्रीय बैंक आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अगर कारोबार अच्छा चलने पर मुनाफा पूंजीपतियों की जेब में जाता है तो उसके विफल होने पर नुकसान की भरपाई के लिए भी कारोबारियों को तैयार रहना चाहिए, न कि इसका बोझ बैंकों पर डाल दिया जाना चाहिए. न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक साक्षात्कार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2015 10:51 AM

केंद्रीय बैंक आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अगर कारोबार अच्छा चलने पर मुनाफा पूंजीपतियों की जेब में जाता है तो उसके विफल होने पर नुकसान की भरपाई के लिए भी कारोबारियों को तैयार रहना चाहिए, न कि इसका बोझ बैंकों पर डाल दिया जाना चाहिए.

न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक साक्षात्कार में राजन ने कहा कि पूंजीवाद से जुड़ी एक चिंता यह है कि जब सब अच्छा चल रहा होता है तो उसका फायदा पूंजीपति को मिलता है, लेकिन जब स्थिति विपरीत होती है तो नुकसान सिस्टम को उठाना पड़ता है और पूंजीपति हमेशा सही सलामत रहता है.

आरबीआइ गवर्नर ने कहा, ‘हमें निस्संदेह ऐसे लोग चाहिए जो जोखिम ले सकें. लेकिन यदि वे जोखिम लेते हैं तो उन्हें इसकी कीमत भी अदा करनी चाहिए. बजाय इसके कि सिर्फ जोखिम का फायदा वे उठाए और जब फायदा न हो तो कोई और भरे.’ राजन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में इस बात पर फोकस किया गया है कि कैसे बड़े प्रवर्तकों से नुक्सान की भरपाई करायी जाए और बैंकों पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया जाए.

उन्होंने कहा कि पैमाना सभी के लिए एक होना चाहिए ताकि बड़े लोग भी ऋण चुकाए और यदि वे नहीं चुका सकते तो ऋणदाता के पास वसूली के सशक्त अधिकार हों. वैश्विक स्तर पर आर्थिक असहयोग के बारे में राजन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि औद्योगिक राष्ट्र सिर्फ अपना हित देख रहे हैं. इस कदर कि सिर पर मंडरा रहे संकट के अलावा किसी और मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सिर्फ कामना ही की जा सकती है.’

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