सरकार इस साल 60 से अधिक ‘इको सेंसेटिव जोन’ घोषित करेगी

नयी दिल्ली: सरकार ने इस साल 60 से अधिक अभ्यारण्यों व राष्ट्रीय उद्यानों को ‘पारिस्थितिक रुप से संवेदनशील क्षेत्र’ के रुप में अधिसूचित करने का लक्ष्य रखा है. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि औद्योगिकीकरण व अनियोजित विकास का नकारात्मक असर संरक्षित क्षेत्रों पर नहीं हो. पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2015 5:30 PM

नयी दिल्ली: सरकार ने इस साल 60 से अधिक अभ्यारण्यों व राष्ट्रीय उद्यानों को ‘पारिस्थितिक रुप से संवेदनशील क्षेत्र’ के रुप में अधिसूचित करने का लक्ष्य रखा है. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि औद्योगिकीकरण व अनियोजित विकास का नकारात्मक असर संरक्षित क्षेत्रों पर नहीं हो.

पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘हम अधिक से अधिक करने की कोशिश कर रहे हैं बशर्ते हमें राज्यों से स्पष्ट प्रस्ताव मिलें. हम इस साल 60 से अधिक (इको सेंसेटिव जोन) अधिसूचित करेंगे.
’ अधिकारी ने कहा कि पिछले साल लगभग 40 अभ्यारण्य व राष्ट्रीय पार्क को ‘पारस्थितिक रुप से संवेदनशील क्षेत्र’ घोषित किया गया. देश में 600 से अधिक अभ्यारण्य व राष्ट्रीय पार्क हैं.
सरकार राष्ट्रीय उदयानों व अभ्यारण्यों के दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को पारिस्थितिकी रुप से संवेदनशील इलाका घोषित कर रही है. यह कदम ‘वन्यजीव संरक्षण रणनीति’ के तहत उठाया जा रहा है. इस नीति को 2002 में अपनाया गया. इसके पीछे संरक्षण वाले क्षेत्रों की शुचिता को बनाये रखना और उनमें अनियोजित विकास के पूतिकूल असर पर नजर रखना है.

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