अरुण जेटली ने बजट में सार्वजनिक व्यय बढाने के लिए विशेष कदम उठाने का दिया संकेत
चेन्नई : आम बजट पेश होने से करीब डेढ़ महीने पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार ढांचागत क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय बढाने के लिए ‘‘विशेष कदम’’ उठायेगी और इसके साथ ही सब्सिडी को भी तर्कसंगत बनाने की पहल की जाएगी. जेटली ने कहा, ‘‘राजस्व में मौजूदा राजकोषीय घाटे की स्थिति को […]
चेन्नई : आम बजट पेश होने से करीब डेढ़ महीने पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार ढांचागत क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय बढाने के लिए ‘‘विशेष कदम’’ उठायेगी और इसके साथ ही सब्सिडी को भी तर्कसंगत बनाने की पहल की जाएगी. जेटली ने कहा, ‘‘राजस्व में मौजूदा राजकोषीय घाटे की स्थिति को देखते हुए हालांकि, यह काफी चुनौतीपूर्ण और मुश्किल अवसर होगा. लेकिन मेरा मानना है कि जहां तक सार्वजनिक व्यय की बात है, हमें कुछ विशेष कदम उठाने होंगे.’’ मंत्री ने आर्थिक वृद्धि को बढावा देने के लिए ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं में सार्वजनिक निवेश बढाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.
वित्त मंत्री ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के यहां आयोजित एक समारोह में कहा, ‘‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) का मॉडल इस समय दबाव में है और हमें इसे पुनर्जीवित करना है. यह प्रक्रिया है जिसको लेकर हमें उम्मीद है. संचालन में पारदर्शिता आने के साथ ही हम आगे बढ सकेंगे.’’ सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘एक जनवरी से एलपीजी सब्सिडी बैंकों के जरिये दी जा रही है. हमें धीरे-धीरे सभी तरह की सब्सिडी को तर्कसंगत बनाना होगा.’’
अगले महीने पेश किये जाने वाले बजट में सरकार द्वारा व्यय आयोग के सुझावों को शामिल किये जाने की उम्मीद है. सरकार ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में व्यय आयोग का गठन किया है. वर्ष 2015-16 के बजट में आयोग के कुछ सुझावों को शामिल किया जा सकता है.