गूगल छोड़कर जाने वाले हैं सैकड़ों कर्मचारी!

न्यूयॉर्क :गूगल के पूर्व कर्मचारी और वर्तमान में बीजवैक्स कंपनी के सीईओ एरी पैपेरो ने हाल में एक ट्वीट करके खलबली मचा दी है. अपने ट्वीट में उन्होंने ये जानकारी दी है कि बड़ी तादाद में गूगल के इंजीनियर जल्द ही बोनस मिलने के बाद गूगल छोड़ सकते हैं. अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2015 11:16 AM

न्यूयॉर्क :गूगल के पूर्व कर्मचारी और वर्तमान में बीजवैक्स कंपनी के सीईओ एरी पैपेरो ने हाल में एक ट्वीट करके खलबली मचा दी है. अपने ट्वीट में उन्होंने ये जानकारी दी है कि बड़ी तादाद में गूगल के इंजीनियर जल्द ही बोनस मिलने के बाद गूगल छोड़ सकते हैं.

अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक पैपेरो ने एक अन्य वेंचर कैपिटलिस्ट और पूर्व गूगल कर्मचारी हंटर वाक के ट्वीट के जवाब में ये बात बताई.
दरअसल वाक पैपेरो से जनवरी में आमतौर पर कंपनियों की तरफ से बोनस दिए जाने और इसके बाद कर्मचारियों के दूसरी कंपनियों में चले जाने की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी उम्मीद है कि गूगल में भी बोनस के बाद उसके कई कर्मचारी उनकी कंपनी में काम करने के लिए उपलब्ध हो सकते हैं.
गौरतलब है कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी कंपनियों से नई शुरुआत करने वाली कंपनियों में प्रतिभा पलायन आम बात माना जाता है. अनुभवी और बड़ी कंपनियों के लोगों को नई कंपनी में बेहतर पद और तनख्वाह तो मिलती ही है इसके अलावा अपने अनुभव और प्रतिभा के बूते उन्हें नई कंपनी को स्थापित करके उसे संवारने का मौका मिलता है.
इसके अलावा पैपेरो ने गूगल के इंजीनियरों और कर्मचारियों के गूगल छोड़ने की बात कहकर जो सनसनी फैलाई है, उस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता. असल में, इसके पीछे गूगल के शेयरों में भारी गिरावट भी वजह मानी जा रही है. पिछले साल इसी समय गूगल के एक शेयर की कीमत 577 डॉलर थी जो इस साल 501 डॉलर प्रति शेयर तक गिर चुकी है. सिलिकॉन वैली में बड़ी कम्पनियां आमतौर पर कर्मचारियों को नकद की बजाय कंपनी के शेयर के रूप में भुगतान करती हैं, ऐसे में तय है कि गूगल की स्टॉक वैल्यू में गिरावट आने से कर्मचारियों को मिलने वाले शेयरों की कीमत में भी गिरावट होगी, जिसका मतलब कर्मचारियों को साल 2014 के मुकाबले 2015 में मिलने वाले फायदे में कमी है. इसकी वजह से गूगल के कर्मचारियों को इस साल, पिछले साल की बनिस्पत नुकसान होगा, जिसकी वजह से गूगल के लिए उनको अपने यहां बनाये रखने में परेशानी होगी.
इसी बात को आधार मानकर पैपेरो ने ये कहा है कि इस महीने के अंत तक बोनस मिलने के बाद गूगल के बहुत सारे लोग इस कंपनी को अलविदा कह सकते हैं.
वाक ने इस बारे में लिखा कि हालांकि, ये बताना मुश्किल है कि असल में किन कारणों से गूगल के स्टॉक मूल्य गिर रहे हैं लेकिन ये स्पष्ट है कि गूगल के लिए 2014 मुश्किल भरा साल रहा है. गूगल के एक पूर्व कर्मचारी के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि 2015 का साल तो गूगल के लिए और भी ज्यादा मुश्किल भरा हो सकता है.
2014 में गूगल के सीईओ लैरी पेज खुद अपनी कंपनी में नयी खोजों और प्रोजेक्ट्स की धीमी रफ्तार से परेशान हो गए थे और इसी वजह से उन्होंने बहुत बड़ा कदम उठाते हुए कम्पनी का नियंत्रण सुन्दर पिचाई के हाथों में सौंप दिया.
गूगल का असल काम और आमदनी का सबसे बड़ा जरिया यानि सर्च एडवरटाइजिंग, हाल के कुछ सालों में कमजोर हुआ है. इसकी सबसे बड़ी वजह लोगों का कम्प्यूटर की जगह मोबाइल से वेब पेज का काम करना रहा है. असल में सर्च एडवरटाइजिंग के तहत ही गूगल को वेब से सबसे ज्यादा कमाई होती है. लेकिन अब मोबाइल फोन के आधुनिक होने की वजह से लोग मोबाइल से ही इंटरनेट और वेबसाईट का काम करने लगे हैं. इसी वजह से गूगल को नुकसान हो रहा है. पिछली तिमाही के मुताबिक, गूगल के एडवरटाइजिंग बिजनेस को छः साल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.

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