अगर ऑटो इंडस्ट्री की सलाह को सरकार मानेगी तो नहीं बढ़ेंगे कारों व दो पहिया वाहनों की कीमत

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार फोर व्हीलर व टू व्हीलर इंडस्ट्री को राहत देने के लिए अगले महीने पेश होने वाले बजट में एक बार फिर राहत का एलान कर सकती है. ऐसे संकेत बजट पूर्व विभिन्न सेक्टर से वित्त मंत्रलय की होने वाली परिचर्चा से मिल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि टू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2015 12:08 PM
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार फोर व्हीलर व टू व्हीलर इंडस्ट्री को राहत देने के लिए अगले महीने पेश होने वाले बजट में एक बार फिर राहत का एलान कर सकती है. ऐसे संकेत बजट पूर्व विभिन्न सेक्टर से वित्त मंत्रलय की होने वाली परिचर्चा से मिल रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहन निर्माता कंपनियों ने सरकार से इस उद्योग को राहत देने और बिक्री बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव दिये हैं, ताकि इन वाहनों की कीमत नहीं बढ़े.
वाहन इंडस्ट्री द्वारा सरकार से कहा गया है कि ऑटो पार्ट्स, चेसिस और एक्सेसरीज उत्पादों के उत्पाद शुल्क में सरकार छूट दे, ताकि गाड़ी की कीमतें नहीं बढ़ सकें.
उल्लेखनीय है कि 2014 में अंतरिम बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने चार पहिया और दो पहिया वाहन निर्माता कंपनियों को राहत देते हुए इनकी उत्पाद शुल्क 12 प्रतिशत से कम कर आठ प्रतिशत कर दी थी. इससे ये वाहन साढ़े चार से पांच फीसदी तक सस्ते हो गये थे. जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले को 2014 के दिसंबर अंत तक इस फैसले को जारी रखा. हालांकि दिसंबर के बाद फिर एक बार यह ड्यूटी पूर्व की तरह 12 प्रतिशत हो गयी.
ऐसे में दो पहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियां ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए सरकार से मूल्यों को नियंत्रण करने के लिए नये उपाय सुझाये हैं. अब देखना है कि सरकार इस पर किस हद तक अमल करती है.

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