वालमार्ट जांच: प्रवर्तन निदेशालय ने किया रिजर्व बैंक से संपर्क
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने बहुराष्ट्रीय खुदरा कंपनी वालमार्ट द्वारा भारतीय कपंनी में अपने निवेश में विदेशी मुद्रा कानूनों के कथित उल्लंघन के मामले की जांच के सिलसिले में भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क किया है. निदेशालय ने केंद्रीय बैंक द्वारा हाल ही में अधिसूचित एफडीआई नियमों के बारे में कुछ और स्पष्टीकरण मांगे हैं. […]
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने बहुराष्ट्रीय खुदरा कंपनी वालमार्ट द्वारा भारतीय कपंनी में अपने निवेश में विदेशी मुद्रा कानूनों के कथित उल्लंघन के मामले की जांच के सिलसिले में भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क किया है. निदेशालय ने केंद्रीय बैंक द्वारा हाल ही में अधिसूचित एफडीआई नियमों के बारे में कुछ और स्पष्टीकरण मांगे हैं. राजस्व विभाग के एक शीर्ष सूत्र ने यह जानकार दी.
रिजर्व बैंक ने एफडीआई के संबंध में किसी कंपनी पर नियंत्रण को परिभाषित करने वाले दिशानिर्देश जारी किए हैं. सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने 2010 से पहले तथा इसके दौरान बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों पर स्पष्टता के लिए रिजर्व बैंक से संपर्क किया है.एजेंसी वालमार्ट तथा इसकी भारतीय भागीदारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने या इसे टालने पर अंतिम फैसले से पहले रिजर्व बैंक की राय चाहती है.
इसी महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने किसी कंपनी के नियंत्रण को परिभाषित करते हुए एफडीआई दिशा निर्देश अधिसूचित किए थे. औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग :डीआईपीपी: के प्रेस नोट 2 एवं 3 को अधिसूचित करने का काम बीते चार साल से लंबित था. इसमें ‘स्वामित्व वाली या नियंत्रित कंपनी की परिभाषा दी गयी है. कोई कंपनी विदेशी है या घरेलू, यह तय करने के लिए स्वामित्व वाली या नियंत्रित’ की परिभाषा जरुरी है.
सूत्रों ने कहा कि निदेशालय का मानना है कि इस मामले में एक सवाल के जवाब में डीआईपीपी के जवाब को देखते हुए मामले को समझने के लिए और ब्यौरे की जरुरत है. अमेरिकी कंपनी वालमार्ट ने भारती वेंचर की शाखा केडर स्पोर्ट सर्विसेज में 2010 में 10 करोड़ डालर का निवेश किया था. भाकपा के राज्यसभा सदस्य एमपी अच्युतन ने इस मामले में भारतीय नियमों के उल्लंघन की शिकायत की थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने रिजर्व बैंक के निर्देश तथा संदर्भ पर इस मामले की जांच शुरु की थी. वह इस बारे में वालमार्ट तथा इसकी भारतीय सहयोगी द्वारा भेजे गये जवाब का अध्ययन कर चुका है. डीआईपीपी के सूत्रों ने कहा कि प्रेसनोट 2 और 3 पर रिजर्व बैंक की अधिसूचना का इस जांच पर प्रभाव पड़ेगा. डीआईपी और आरबीआई को इस जांच के संबंध में इस अधिसूचना को देखना होगा.
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