दावोस (स्विट्जरलैंड) : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा यहां आयोजित वैश्विक सम्मेलन में भारत को निवेश के एक आकर्षक स्थल के रुप में प्रस्तुत करने यहां आए वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आज वादा किया कि वैश्विक निवेशकों के लिए भारत में ‘बहुत कुछ आने वाला है.’ जेटली स्विटजरलैंड सरकार के समक्ष स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन का मुद्दा भी उठाने वाले हैं. जेटली इस यात्रा में स्विटजरलैंड की वित्तमंत्री एवलाइन विदमर-शलंफ से मुलाकात करेंगे.
इस मुलाकात में स्विस बैंकों में जमा काले धन का मुद्दाभी उठेगा. यहां पहुंचने के तुरंत बाद ही वित्तमंत्री ने कहा कि दुनिया के धनी व शक्तिशाली देशों की यह बैठक भारत के लिए (अपनी बात बताने का) एक अवसर की तरह है जहां बहुत कुछ घटित हो रहा है. जेटली के अलावा बिजली मंत्री पीयूष गोयल, अनेक आला अफसर व बैंकों के अधिकारी यहां आए हैं. जेटली ने कहा ने कहा कि प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाएं ज्यादातर बेहतर नहीं कर रही हैं और अगर भारत पिछले सात, आठ महीने के क्रम को आगे भी बनाए रखता है तो हम बहुत कुछ आकर्षित कर सकते हैं.
जेटली ने कहा कि वह निवेशकों को बताएंगे कि सरकार ने बहुत कुछ किया है और बहुत कुछ करने जा रही है. इसलिए भारत सरकार व भारत दोनों ही एक विशेष राह पर हैं और हम यही कुछ करने वाले हैं. इसलिए यह भारत को दिखाने का एक मौका है. जेटली 23 जनवरी तक यहां रहेंगे. उन्होंने कहा कि वे काले धन का मुद्दा स्विटजरलैंड की वित्तमंत्री के साथ बैठक में उठाएंगे जो कि डब्ल्यूईएफ बैठक के दौरान ही होनी है.
ऐसा माना जाता है कि वे स्विस बैंकों में काला धन रखने वाले भारतीय नागरिकों के ब्यौरे तथा धन को वापस लाने के संबंध में सहयोग मांगेंगे. मंच की बैठक में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस, एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य, आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर सहित प्रमुख बैंक व उद्योगपति भी शामिल हैं. यह 24 जनवरी तक चलेगी. जेटली भारत पर दो सत्रों तथा ब्रिक्स सदस्यों के साथ एक अन्य सत्र में भाग लेंगे.
मंच की इस सालाना बैठक में भारत की ओर से 120 पंजीकृत भागीदारों के साथ पांचवीं सबसे बडी भागीदारी है. यहां बसों पर ‘मेक इन इंडिया’ के नारे दिखे हैं. इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश का बिजली क्षेत्र विभिन्न खंडों में ‘250 अरब डालर निवेश’ के लिए तैयार है. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत की विकास गाथा में विदेशी व घरेलू निवेशक बडे पैमाने पर भाग लेंगे. वहीं शीर्ष बैंकरों ने कहा कि भारत विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है.
एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य का मानना है कि भारत आज चौराहे पर है जहां से यह मांग, लोकतंत्र व युवा आबादी का फायदा उठाने की स्थिति में है. आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा कि भारत को लेकर निवेशकों की धारणा में व्यापक बदलाव आया है और सरकार द्वारा व्यापार के लिए माहौल में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की मदद से महत्वपूर्ण निवेश प्रवाह होगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सारा माहौल बदल गया है. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनका राज्य विदेशी निवेशकों के लिए भारत में द्वार बन सकता है.