उपभोक्‍ता हितों के लिए जल्‍द ही नियम लाएगी रिजर्व बैंक

नयी दिल्ली: रिजर्व बैंक अपने विनियामकीय अधिकार क्षेत्र के तहत काम करने वाली इकाइयों के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जल्दी ही व्यापक दिशानिर्देश जारी करेगा. रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक एन एस विश्वनाथन ने आज उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अलग से कहा ‘वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग’ (एफएसएलआरसी) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2015 3:56 PM
नयी दिल्ली: रिजर्व बैंक अपने विनियामकीय अधिकार क्षेत्र के तहत काम करने वाली इकाइयों के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जल्दी ही व्यापक दिशानिर्देश जारी करेगा. रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक एन एस विश्वनाथन ने आज उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अलग से कहा ‘वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग’ (एफएसएलआरसी) की रिपोर्ट में वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों को उपभोक्ता संरक्षण व्यवस्था अपनाने की सिफारिश की गयी है. ताकि उनके दायरे में आने वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके.’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक फिलहाल घरेलू अनुभव व वैश्विक सर्वश्रेष्ठ व्यवहार के आधार पर व्यापक उपभोक्ता संरक्षण नियमन बना रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों को मजबूत किया जाएगा.
विश्वनाथन ने कहा कि रिजर्व बैंक के नियमन के दायरे में आने वाली सभी इकाइयां इसके तहत आएंगी चाहे वे बैंक हों या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां.रिजर्व बैंक उपभोक्ता संरक्षण के लिए कोष के गठन के विचार पर विश्वनाथन ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है. अभी हमारे पास जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरुकता कोष है.
नये कंपनी कानून के अनुरूप कोष जुटाने की जरूरत का तालमेल बिठाने के लिए जून, 2013 में केंद्रीय बैंक ने सर्कुलर जारी कर गैर एनबीएफसी के लिए लागू निजी नियोजन नियम एनबीएफसी के लिए भी जरूरी कर दिये हैं.मौजूदा नियमों के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) एक समय में निजी नियोजन के जरिये 49 से अधिक लोगों से धन नहीं जुटा सकतीं.
विश्वनाथन ने कहा ‘कंपनी कानून ने निजी नियोजन के संदर्भ में नियम बदल दिए हैं. इसमें कहा गया है कि एक साल में निजी नियोजन के जरिये आप सिर्फ 200 लोगों से धन जुटा सकते हैं.’ उन्होंने कहा ‘यदि आप इससे अधिक कुछ चाहते हैं, तो आपको सार्वजनिक निर्गम लाना होगा. ऐसे में हमने अपने दिशानिर्देशों का तालमेल नये कंपनी कानून के साथ किया है.’
उन्होंने कहा कि इस कार्य पर प्रगति जारी है. इस पर विचार हो रहा है. हालांकि, इसकी समयसीमा नहीं बतायी.

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