तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाला है भारत-अमेरिका रक्षा व्यापार

वाशिंगटन : भारत व अमेरिका रक्षा क्षेत्र सहयोग की व्यवस्था संबंधी समझौते को 10 साल के लिए और बढाने वाले हैं. अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि आगे दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार काफी तेजी से बढने की उम्मीद है. एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने जोर देकर कहा है कि भारत अमेरिका रणनीतिक संबंधों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2015 2:01 PM
वाशिंगटन : भारत व अमेरिका रक्षा क्षेत्र सहयोग की व्यवस्था संबंधी समझौते को 10 साल के लिए और बढाने वाले हैं. अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि आगे दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार काफी तेजी से बढने की उम्मीद है.
एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने जोर देकर कहा है कि भारत अमेरिका रणनीतिक संबंधों में रक्षा एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा. ताकतवर सैन्य सेवा समिति के चेयरमैन मैक थार्नबेरी ने कहा कि आज भारत सिर्फ दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण ताकत नहीं है, बल्कि यह दुनिया की एक बड़ी ताकत है. दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर एक साथ काम करने के काफी अवसर हैं. थॉर्नबेरी कुछ साल पहले भारत यात्रा पर आए थे. वह मुंबई में उन स्थानों पर भी गए थे, जो आतंकवादी हमलों का शिकार बने थे. उन्होंने कहा कि रक्षा का मुद्दा दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण तत्व होगा.
कारनेगी एन्डाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एशले टेलिस ने कहा, भारत ने आखिर समझ लिया है कि अमेरिका की सैन्य प्रौद्योगिकी किसी से पीछे नहीं है. अमेरिका के साथ भारत का रक्षा व्यापार आने वाले बरसों में काफी तेज रफ्तार से बढेगा. पिछले दस साल में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा व्यापार लगभग शून्य से दस अरब डालर पर पहुंच गया है.
भारत अपने सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में अग्रसर है. इसके लिए वह कई सौ अरब डालर खर्च करने की तैयारी है. ऐसे में अमेरिकी कंपनियां इसके एक अच्छे खासे हिस्से को हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं.
सेंटर फार ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के अध्यक्ष रिचर्ड फॉन्टेन ने कहा कि 2005 का रक्षा ढांचा करार इस साल समाप्त हो रहा है. इसके नवीकरण से अमेरिका व भारत सुरक्षा सहयोग क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धताओं को और पुष्ट कर सकेंगे. संभवत: भारत लॉजिस्टिक्स व संचार पर रुके करार को मंजूरी देगा.
यूएस एंड इंटरनेशनल कमर्शियल स्ट्रैटेजिक डेवलपमेंट आफ द जनरल एटामिक्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल ने कहा कि अमेरिका और भारत में रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल (डीटीटीआई) में द्विपक्षीय रिश्तों में बदलाव लाने की क्षमता है.

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