नये आधार वर्ष के साथ जीडीपी में उछाल, वृद्धि दर 6.9 फीसद

नयी दिल्ली/मुंबई : सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार वर्ष में संशोधन करने का फैसला किया है. उसने आधार वर्ष में संशोधन करते हुए वित्त वर्ष 2011-12 को इसका आधार वर्ष बनाया है. नये आधार वर्ष के अनुपात में सरकार ने जीडीपी आंकड़ों में भी संशोधन किया है. नये आधार वर्ष के आधार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 8:02 AM

नयी दिल्ली/मुंबई : सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार वर्ष में संशोधन करने का फैसला किया है. उसने आधार वर्ष में संशोधन करते हुए वित्त वर्ष 2011-12 को इसका आधार वर्ष बनाया है. नये आधार वर्ष के अनुपात में सरकार ने जीडीपी आंकड़ों में भी संशोधन किया है. नये आधार वर्ष के आधार पर वित्त वर्ष 2014 के लिए सरकार ने जीडीपी वृद्धि को 4.7 फीसदी से बढ़ा कर 6.9 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2013 की जीडीपी वृद्धि 4.5 फीसदी को संशोधित करके 5.1 फीसदी कर दी गयी है. नये आधार वर्ष के बारे में मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत का कहना है कि आधार वर्ष में संशोधन हाल के सालों में सबसे बड़ा बदलाव है.

पांच हजार अरब डॉलर की होगी अर्थव्यवस्था

वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अगले 10-12 साल में 4,000 से 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है. यहां इंडियन प्राइवेट एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (आइवीसीए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सिन्हा ने कहा कि आपको धन अर्जित करने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा. यह भारत में निवेश करने का सबसे शानदार समय है. ओमिडयर नेटवर्क इंडिया अडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक रह चुके सिन्हा ने कहा कि पूंजी प्रवाह के साथ रुपया में मजबूती आ रही है. उन्होंने विदेशी निवेशकों को यह आश्वासन भी दिया कि अगले बजट में कर मुद्दों को उचित ढंग से हल किया जायेगा और भारत विदेशी निवेश का स्वागत करने के लिए प्रतिबद्ध है. मंत्री ने कहा कि सरकार मुंबई को एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के तौर पर विकिसत करना चाहती है.

पटरी पर हम लाये अर्थव्यवस्था को

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि जीडीपी के संशोधित आंकडों से साबित होता है कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार अर्थव्यवस्था को वृद्धि के रास्ते पर वापस ले आयी थी. संशोधित आंकड़ों के अनुसार, 2013-14 की वृद्धि दर 6.9} रही है. चिदंबरम ने कहा कि जारी आंकडों और अन्य आर्थिक संकेतकों से पुष्टि होती है कि उनके वित्त मंत्री के रूप में अगस्त, 2012 से मई, 2014 के कार्यकाल के दौरान राजकोषीय मजबूती, चालू खाते के घाटे पर अंकुश, मुद्रास्फीति में कमी तथा आर्थिक वृद्धि के अपने उद्देश्‍यों में सफल रही थी.

प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 6,699 हुई

सरकार द्वारा राष्ट्रीय खातों की गणना के आधार वर्ष में बदलाव से वित्त वर्ष 2013-14 के लिए देश की प्रति व्यऊि1 आय बढ़ कर 6,699 रुपये मासिक हो गयी है. पहले इसके 6,198.33 रुपये मासिक रहने का अनुमान लगाया गया था. सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय खाते की गणना के तरीके के बदल कर आधार वर्ष को संशोधित कर 2004-05 से 2011-12 कर दिया. सांख्यिकी एवं कार्याक्रम क्रियान्वयन मंत्रलय के आंकड़ांे के अनुसार, 2012-13 में प्रति व्यक्ति आय अनुमानत: 5,966.08 रुपये मासिक व 2011-12 में 5,359.67 रुपये मासिक रही थी.

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