सन-रैनबैक्सी के सौदे पर अमेरिकी नियामक ने लगाईं शर्तें

वाशिंगटन : अमेरिका के एक संघीय व्यापार नियामक ने सन फार्मास्युटिकल्स द्वारा रैनबैक्सी के अधिग्रहण पर इस आधार पर शर्तें लगाई हैं कि 4 अरब डालर का प्रस्तावित सौदा गैर-प्रतिस्पर्धी हो सकता है. फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने कल कहा कि रैनबैक्सी का प्रस्तावित अधिग्रहण गैर-प्रतिस्पर्धी हो सकता है. इन आरोपों से निजात पाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 3:23 PM
वाशिंगटन : अमेरिका के एक संघीय व्यापार नियामक ने सन फार्मास्युटिकल्स द्वारा रैनबैक्सी के अधिग्रहण पर इस आधार पर शर्तें लगाई हैं कि 4 अरब डालर का प्रस्तावित सौदा गैर-प्रतिस्पर्धी हो सकता है.
फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने कल कहा कि रैनबैक्सी का प्रस्तावित अधिग्रहण गैर-प्रतिस्पर्धी हो सकता है. इन आरोपों से निजात पाने के लिए दोनों फार्मा कंपनियां, सन फार्मा और रैनबैक्सी लैबोरेटरीज इस बात पर सहमत हुई हैं कि जेनेरिक माइनोसाइक्लाइन टैबलेट में रैनबैक्सी लैबोरेटरीज अपनी हिस्सेदारी बेच देगी.
एफटीसी ने कहा कि अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की बिक्री करने वाली भारत स्थित वैश्विक दवा कंपनी टोरेंट फार्मास्युटिकल्स इन परिसंपत्तियों को खरीदेगी.
जेनेरिक माइनोसाइक्लाइन टैबलेट का इस्तेमाल न्यूमोनिया, मुंहासे और मूत्र मार्ग में संक्रमण सहित जीवाणु संक्रमण से होने वाली बीमारियों के इलाज में किया जाता है.
एफटीसी की शिकायत के मुताबिक, प्रस्तावित विलय से अमेरिकी बाजार में भविष्य में प्रतिस्पर्धा पर बुरा असर पड सकता है क्योंकि इससे अमेरिका में 50 मिग्रा, 75 मिग्रा और 100 मिग्रा के जेनेरिक माइनोसाइक्लाइन टैबलेट के आपूर्तिकर्ताओं की संख्या घटने की संभावना है.
रैनबैक्सी उन तीन प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है जो इन दवाओं की आपूर्ति अमेरिकी बाजार में करती है. जबकि सन फार्मा भविष्य में माइनोसाइक्लाइन टैबलेट बेचने वाली सीमित कंपनियों में एक होगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version