उषा मार्टिन का कारोबार 3350 करोड़ के पार

कंपनी ने की मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा कोलकाता : उषा मार्टिन लिमिटेड ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही और पहले नौ महीने के वित्तीय नतीजों की घोषणा की. कंपनी के चेयरमैन प्रशांत झवर व प्रबंध निदेशक राजीव झवर ने इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि कंपनी का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2015 10:02 AM

कंपनी ने की मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा

कोलकाता : उषा मार्टिन लिमिटेड ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही और पहले नौ महीने के वित्तीय नतीजों की घोषणा की. कंपनी के चेयरमैन प्रशांत झवर व प्रबंध निदेशक राजीव झवर ने इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि कंपनी का कंसोलिडेटेड आधार पर कारोबार पहले नौ महीने में 3390.04 करोड़ रुपये रहा.

तीसरी तिमाही में यह 1076.77 करोड़ रुपये रहा. कारोबार में 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गयी. वहीं, स्टैंडअलोन आधार पर कंपनी का कारोबार नौ महीने में 2764.03 करोड़ रुपये और तीसरी तिमाही में 888.39 करोड़ रुपये रहा. कंसोलिडेटेड आधार पर तीसरी तिमाही में 35.99 करोड़ रुपये की शुद्ध हानि हुई.

स्टैंडअलोन आधार पर तीसरी तिमाही में 43.59 करोड़ रुपये की शुद्ध हानि हुई. तीसरी तिमाही में कोयले का उत्पादन 262434 मीट्रिक टन रहा. लौह अयस्क 269977 मीट्रिक टन, पेलेट 182391 मीट्रिक टन, कोक 76355 मीट्रिक टन, बिलेट 189374 मीट्रिक टन, रोल्ड प्रोडक्ट का उत्पादन 150860 मीट्रिक टन और वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट का उत्पादन 52680 मीट्रिक टन रहा.

श्री झवर ने बताया कि कोयले पर हर तिमाही करीब आठ करोड़ रुपये की अतिरिक्त लेवी देनी पड़ रही है. यह इस वित्त वर्ष की समाप्ति तक दी जायेगी. उसका असर कंपनी के वित्तीय नतीजों पर दिख रहा है. इसके अलावा, चीन से सस्ते स्टील के आयात की वजह से असमान प्रतियोगिता तथा अधिक डेप्रिशिएशन व ब्याज की वजह से भी नतीजों पर असर पड़ा है.

स्टील की घरेलू मांग में भी कमी देखने को मिली है. श्री झवर ने बताया कि कंपनी कच्चे माल की लंबी अवधि के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोल ब्लॉक की नीलामी में हिस्सा लेगी. प्रशांत झवर ने बताया कि अगली तिमाही से कंपनी के प्रदर्शन में काफी सुधार देखने को मिलेगा.

प्रबंधन ने हालात का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाये हैं. कंपनी का पावर प्लांट बेहतर तरीके से काम कर रहा है. खनिज सुरक्षा पर भी कंपनी का ध्यान है. मेटालिक्स का ग्राहक आधार तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा सामने ही केंद्रीय बजट है. कई सकारात्मक गतिविधि होने वाली हैं.

श्री झवर ने कहा कि केंद्रीय बजट में वह अपेक्षा करते हैं कि स्टील के आयात पर सरकार कम से कम 10 फीसदी शुल्क लगाये. इससे असमान प्रतियोगिता में संतुलन आयेगा. इसके अलावा कोकिंग कोल के आयात पर शुल्क को हटा लिया जाये.

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