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रघुराम राजन ने अपने बर्थ-डे पर देश को नहीं दिया रेट कट का गिफ्ट, कहा अभी इंतजार कीजिए

मुंबई : देश के केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंकने आज अपनी तिमाही मौद्रिक समीक्षा के दौरान लिए गए अपने निर्णय में क्रेडिट पॉलिसी में दरों में किसी तरह की कटौती नहीं करने का निर्णय किया है. इसकी वजह से रेपो रेट 7.75 फीसदी पर अपरिवर्तित रहेगा जबकि रिवर्स रेपो रेट 6.75 फीसदी पर बना रहेगा. […]

मुंबई : देश के केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंकने आज अपनी तिमाही मौद्रिक समीक्षा के दौरान लिए गए अपने निर्णय में क्रेडिट पॉलिसी में दरों में किसी तरह की कटौती नहीं करने का निर्णय किया है. इसकी वजह से रेपो रेट 7.75 फीसदी पर अपरिवर्तित रहेगा जबकि रिवर्स रेपो रेट 6.75 फीसदी पर बना रहेगा.
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन आज जब द्वीमासिक मौद्रिक समीक्षा के परिणामों व निर्णयों की घोषणा करने मीडिया के सामने आये तो उनके औपचारिक बयान के बाद लगभग हर पत्रकार ने सवाल पूछने से पहले उन्हें उनके जन्मदिन की बधाई दी. आज ही रघुराम राजन का बर्थ-डे है. पर, राजन ने अपने जन्मदिन पर देश को रेट कट का गिफ्ट देने से इनकार कर दिया और उसे पूर्ववत 7.75 प्रतिशत बनाये रखने का फैसला सुनाया.
वहीं नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में भी कोई बदलाव नहीं किया है और ये भी पहले की तरह 4 प्रतिशत पर बरकरार रहेगा. हालांकि इन सब के बीच रिजर्व बैंक ने एसएलआर में कटौती करने का ऐलान किया है. आरबीआई ने एसएलआर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 21.5 प्रतिशत किया है. एसएलआर में की गयी 0.5 फीसदी की यह कटौती 7 फरवरी से लागू होगी. राजन के इस कदम के साथ ही आर्थिक क्षेत्र में बैंक की तरफ से दरों में कटौती को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर अगली समीक्षा तक विराम लग गया है.
आज इस घोषणा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2016 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पुराने बेस ईयर के आधार पर वित्त वर्ष 2015 में जीडीपी ग्रोथ 5.5 फीसदी रहने का अंदाजा है. आरबीआई को जनवरी 2016 तक महंगाई दर 6 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2015 में करेंट अकाउंट घाटा, जीडीपी का 1.3 फीसदी रहने का अनुमान है.
राजन ने कहा कि फिलहाल हम देश की अर्थव्यवस्था को लम्बे दौर के लिए मजबूती प्रदान करने पर काम कर रहे हैं. इस वजह से हमने इस बार फिर से दरों को कम करने की घोषणा नहीं की है. राजन के मुताबिक, रिजर्व बैंक की तरफ से रेट कट होने का मतलब ये नहीं है कि उसका फायदा ग्राहकों को तात्कालिक रूप से मिले. ये बैंकों पर निर्भर करता है कि वे ग्राहकों को इसका फायदा कब और कितना देते हैं. उन्होंने कहा कि हमने रेट कट करने के बाद ये देखा है और इसलिए हम ये चाहेंगे कि हमारी तरफ से बैंकों को दरों में कटौती का लाभ जनता तक हस्तांतरित हो.
इसके अलावा राजन ने कहा कि हाल में आई आर्थिक रिपोर्टों के मुताबिक देश में विनिर्माण क्षेत्र में भले ही मंदी दिखाई दी है लेकिन सेवा क्षेत्र और ऑटो सेक्टर में आर्थिक नीतियों का फायदा साफ़ नजर आया है.
राजन ने कहा कि रेट कट अर्थव्यवस्था के लिए लम्बी अवधि का लाभ नहीं दे सकता. हमने देखा है कि इन कटौतियों का फायदा दो-तीन तिमाहियों से ज्यादा नहीं हो पाता.
ऐसा अंदाजा है कि राजन का दरों में कटौती नहीं करने का ये निर्णय इसलिए भी होना तय माना जा रहा था क्योंकि केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली चंद हफ्तों में अपनी सरकार की तरफ से बजट पेश करने वाले हैं. ऐसे में बजट के पहले कटौती की घोषणा से जेटली के पिटारे का वजन हल्का हो सकता था.
सम्भावना है कि सरकार के बजट पेश किये जाने के बाद, रिजर्व बैंक की अगली समीक्षा में रेट कट का ऐलान किया जा सकता है.
हालांकि, राजन की रेट कम नहीं करने की घोषणा से शेयर बाजार निराश हुआ है और सेंसेक्स और निफ्टी में हल्की गिरावट दर्ज हुई है लेकिन बजट पेश किये जाने को लेकर उम्मीदों ने इसे ज्यादा गिरने से बचा रखा है.

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