सब्जी की कीमतों से बिगड सकता है मुद्रास्फीति का आंकड़ा

मुंबई : सब्जियों की कीमत में अगले महीने संभावित मौसमी उछाल से कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के कारण मुद्रास्फीति में आयी गिरावट और लोगों के पास खर्च करने योग्य आय में बढोतरी पर थोड़ा-बहुत प्रभाव पड़ सकता है. यह चेतावनी आज भारतीय रिजर्व बैंक ने दी. केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2015 4:20 PM
मुंबई : सब्जियों की कीमत में अगले महीने संभावित मौसमी उछाल से कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के कारण मुद्रास्फीति में आयी गिरावट और लोगों के पास खर्च करने योग्य आय में बढोतरी पर थोड़ा-बहुत प्रभाव पड़ सकता है. यह चेतावनी आज भारतीय रिजर्व बैंक ने दी.
केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के अपने समीक्षा दस्तावेज में कहा, कच्चे तेल की कीमतों और मुद्रास्फीति के तेजी से घटने से आने वाले वर्ष में व्यय योग्य आय बढ सकती है और घरेलू मांग की स्थिति बेहतर हो सकती है. खाद्य एवं ईंधन को छोडकर मुद्रास्फीति दिसंबर में लगातार दूसरे महीने घटी.
आरबीआई ने कहा है कि सब्जियों की कीमत में मौसमी तेजी आमतौर पर मार्च के आस-पास होती है. इस पर नजर रखनी होगी. केंद्रीय बैंक को विश्वास है कि खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2016 तक छह प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से अधिक होने, मानसून के की अनिश्चितता और भू-राजनैतिक घटनाओं के कारण कच्चे तेल की कीमत की स्थिति में बदलाव के कारण मुद्रास्फीति बढने का जोखिम हो सकता है. साथ में यह भी कहा गया है कि राजकोषीय घाटे के मामले में चूक का खतरा कम ही है.

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