नयी दिल्ली : नवगठित नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय ने आज कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद के लिये वैश्विक कंपनियों को सलाह देने की बजाए अपनी कार्ययोजना के साथ आगे आना चाहिए और पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए.
टेरी द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में देबराय ने कहा, ‘जबतक आप कुछ करने के लिये तैयार नहीं हैं, हमें यह नहीं बताइये कि हमें क्या करना है.’ उन्होंने रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली यूनीलीवर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पाल पोलमैन के सुझावों के जवाब में यह बात कही.
परिचर्चा में पोलमैन भी शामिल थे. यूनीलीवर के सीईओ का कहना था कि विकासशील देशों को नयी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल कर कार्बन उत्सर्जन के स्तर में कमी लाने की जरुरत है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.