सहारा समूह के सौदे में आया रहस्यमय मोड़
नयी दिल्लीः संकट के दौर से गुजर रहे सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की जमानत के लिए धन जुटाने के प्रयासों में गुरुवार को एक रहस्यमय मोड़ आ गया. बैंक ऑफ अमेरिका ने उसके इस दावे को खारिज किया कि वह इस समूह को एक अमेरिकी इकाई की ओर से दो अरब डॉलर के […]
नयी दिल्लीः संकट के दौर से गुजर रहे सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की जमानत के लिए धन जुटाने के प्रयासों में गुरुवार को एक रहस्यमय मोड़ आ गया. बैंक ऑफ अमेरिका ने उसके इस दावे को खारिज किया कि वह इस समूह को एक अमेरिकी इकाई की ओर से दो अरब डॉलर के वित्तीय सहायता पैकेज के सौदे में बैंकर की भूमिका निभा रहा है.
बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि हम किसी भी तरह से इस लेनदेन से नहीं जुड़े हैं. बैंक ने यह बात ऐसे समय कही है, जब सहारा समूह ने कहा था कि सुब्रत राय को जमानत के लिए उसका अमेरिका के मिराक कैपिटल समूह के साथ धन के लिए सौदा हो चुका है. मिराक कैपिटल समूह के बारे में इससे पहले लोगों को अधिक जानकारी नहीं थी.
सहारा प्रमुख राय करीब एक साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट के नौ जनवरी के आदेश के अनुसार, सहारा समूह के वकील ने कोर्ट की पीठ के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत किया था कि ‘बैंक ऑफ अमेरिका के सहारा इंडिया परिवार को भेजे संदेश में कहा गया है कि मिराक कैपिटल ग्रुप एलएलसी के निर्देश के तहत 105 करोड़ डॉलर की राशि अलग कर दी गयी है.
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