पीएफ जमा करने में की देरी, तो कंपनियों को होगी सजा

चेन्नई: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) चाहता है कि कंपनियों द्वारा समय पर भविष्य निधि जमा नहीं कराने को आर्थिक अपराध के दायरे में लाया जाना चाहिये. उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के के जालान ने कहा, ‘‘भविष्य निधि भेजने में लेटलतीफी गंभीर आर्थिक अपराध है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2013 2:44 PM

चेन्नई: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) चाहता है कि कंपनियों द्वारा समय पर भविष्य निधि जमा नहीं कराने को आर्थिक अपराध के दायरे में लाया जाना चाहिये.

उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त के के जालान ने कहा, ‘‘भविष्य निधि भेजने में लेटलतीफी गंभीर आर्थिक अपराध है और हम आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के साथ मिलकर इसे आर्थिक अपराधों की सूची में शामिल करने को लेकर बातचीत कर रहे हैं ताकि गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ें.’’उन्होंने कहा कि ईपीएफओ आवेदन देने के बाद 90 प्रतिशत दावों का निपटान 15 दिन में करना चाहता है.

मौजूदा सीमा 30 दिन है. जालान ने कहा कि ईपीएफओ इस लक्ष्य को 30 नवंबर 2013 तक हासिल करना चाहता है.

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