साइबर अपराधों के अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर नये सिरे से गौर करने की जरुरत : सीबीआई

नयी दिल्‍ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साइबर अपराधों और वेब से जुडे वित्तीय धोखाधडी के मामलों पर प्रभावी ढंग से काबू पाने के लिये इस प्रकार के वैश्विक कानूनों और समझौतों पर नये सिरे से गौर करने की आवश्यकता पर बल दिया है. सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा ने ‘वित्तीय और साइबर अपराधों’ पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2015 12:59 AM

नयी दिल्‍ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साइबर अपराधों और वेब से जुडे वित्तीय धोखाधडी के मामलों पर प्रभावी ढंग से काबू पाने के लिये इस प्रकार के वैश्विक कानूनों और समझौतों पर नये सिरे से गौर करने की आवश्यकता पर बल दिया है. सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा ने ‘वित्तीय और साइबर अपराधों’ पर सप्ताहभर चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज कहा, ‘आज की इन समस्याओं को कल के कौशल और ज्ञान से हल नहीं किया जा सकता.’

उन्होंने कहा, ‘साइबर की दुनिया में व्यक्ति के सामने नहीं होने और कहीं से भी संपर्क साध लेने की सुविधा के कारण बडे अपराधी दूरदराज देशों से भी वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग कर सकते हैं. इससे न केवल आर्थिक अपराधों को पकडना मुश्किल हो गया है बल्कि अपराध की कमाई को वसूलना भी मुश्किल काम हो गया है क्योंकि यह राशि विभिन्न देशों में पहुंच जाती है.

सिन्हा ने इस प्रकार के अपराधों पर काबू पाने के लिये सक्षम और तेज तर्रार क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की आवश्यकता को रेखांकित किया और साथ ही कहा, ’21वीं सदी में उभरने वाली इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर सहयोग के लिये कानूनों और संधियों पर नये सिरे से गौर करने की आवश्यकता है.’

एक सप्ताह तक चलने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 अफ्रीकी देशों से आये विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों के लिये किया जा रहा है जिसमें आर्थिक और साइबर अपराधों की जांच पर अधिक जोर दिया गया है. सिन्हा ने कहा कि आर्थिक और साइबर अपराधों का विभिन्न देशों और अलग अलग अधिकार क्षेत्रों में होने की प्रकृति आज दुनियाभर की प्रवर्तन एजेंसियों के लिये बडी चुनौती है.

सिन्हा ने दुनियाभर में मानव तस्करी से जुडे संगठित अपराध नेटवर्क के खात्मे के लिये संयुक्त जांच की आवश्यकता पर भी जोर दिया. सिन्हा ने प्रशिक्षण में भाग ले रहे अपने अधिकारियों से दूसरे देशों के विशेषज्ञों से मिलने और जांच प्रक्रिया के नये क्षेत्रों को समझने के लिये कहा.

भारत-अफ्रीका फोरम और गृह एवं विदेश मंत्रालय के सहयोग से अफ्रीकी देशों के लिये यह कार्यक्रम वर्ष 2010 से आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान वित्तीय धोखाधडी के मामले में अपराधिक जांच, वन्य जीव अपराध, मोबाइल फोन आंकडों का विश्लेषण और उन्हें जुटाना, आर्थिक अपराधों को पकडने में अपराध विज्ञान आदि विभिन्न विषयों पर विचार होने की उम्मीद है.

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