इस्तांबुल : भारत ने कर सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के त्वरित कार्यान्वयन पर जोर देते हुए कहा है कि इससे विदेशी बैंकों में जमा अवैध धन का पता लगाने में मदद मिलेगी. वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने जी 20 के वित्तमंत्रियों व केंद्रीय बैंक गवर्नरों की हाल ही में यहां हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया.
उन्होंने देशों के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की व्यवस्था को ‘पूर्ण रूप व त्वरित’ कार्यान्वयन का समर्थन किया. सिन्हा ने कहा, ‘इससे भारत को अवैध रूप से कमाए या बिना कर चुकाए विदेशी बैंकों में रखे धन का पता लगाने में मदद मिलेगी.’ बैठक में अपनी बात रखते हुए सिन्हा ने कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाई गई अपरपंरागत मौद्रिक नीतियों पर चिंता जताई.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने अमेरिका, जापान व यूरोपीय संघ में बैंकिंग प्रणाली में नकदी बढाए जाने (क्वांटिटिव ईजिंग) के मुद्दे से जुडे विरोधाभास के बारे में कहा. उन्होंने कहा कि नकदी विस्तार के बाद हाथ वापस खींचने की चिंताओं के चलते दुनिया के उभरते बाजारों में दीर्घकालिक निवेश में कमी आ सकती है.
सिन्हा ने इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में कोटा सुधारों के मुद्दे को भी उठाया ताकि इस संस्था में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढाया जा सके.
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