अगर आपका पुराना पीएफ खाता निष्क्रिय पडा है, तो इस आसान प्रक्रिया के जरिए आप निकाल सकते हैं अपने पैसे
नयी दिल्ली : क्या आपने कहीं कम समय नौकरी की और आपकी मेहनत की कमाई से जमा किये गये पीएफ के पैसे को बस आपने इसलिए छोड दिया कि यह तो साल, छह महीने की राशि है, इसके लिए क्यों कागजी पचडे में पडा जाये या फिर आप दूसरी नौकरी या अपनी जिंदगी की आपाधापी […]
नयी दिल्ली : क्या आपने कहीं कम समय नौकरी की और आपकी मेहनत की कमाई से जमा किये गये पीएफ के पैसे को बस आपने इसलिए छोड दिया कि यह तो साल, छह महीने की राशि है, इसके लिए क्यों कागजी पचडे में पडा जाये या फिर आप दूसरी नौकरी या अपनी जिंदगी की आपाधापी में अपने खाते से पैसा निकलना या ट्रांसफर कराना भूल गये. या फिर किसी अन्य कारण से आपका खाता निष्क्रिय कर दिया गया. अगर, आपके साथ ऐसा हुआ है तो आपके लिए इपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक सुनहरा मौका उपलब्ध करा रहा है, जिसके तहत आप अपने पैसे मामूली कागजी कार्रवाई कर निकाल सकेंगे और उसका किसी अच्छे कार्य में उपयोग कर सकेंगे.
देश में बडी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो कहीं छोटी अवधि के लिए नौकरी करते हैं और फिर वे अपने पीएफ पैसे के लिए दावा नहीं करते. तभी तो इपीएफओ के आंकडे के अनुसार, मार्च 2014 तक उसके पास निष्क्रिय खाते में 27, 500 करोड रुपये पडे हैं. वैसे खाते जिसमें तीन साल यानी लगातार 36 महीने कोई अंशदान नहीं होता, उस खाते को निष्क्रिय श्रेणी में डाल दिया जाता है. जिस दिन से ऐसे खातों को निष्क्रिय किया जाता है, उस दिन से उसमें जमा पैसे पर कोई ब्याज भी नहीं मिलता है. एक अप्रैल 2011 से इपीएफओ ने यह व्यवस्था बनायी है.
ऐसे में ट्रायल आधार पर इपीएफओ ने एक अहम बदलाव किया है, जिसके तहत लोग अपने निष्क्रिय खाते से पैसा निकाल सकते हैं. इपीएफओ ने इसके लिए प्रयोग के तौर पर एक हेल्प डेस्क बनाया है, जो अभी टेस्टिंग फेज में है. यह सेवा पूरी तरह से अगले सप्ताह से आम लोगों को मिलेगी. इसकी जानकारी एक समाचार माध्यम को केंद्रीय पीएम कमीश्नर केके जालान ने दी है. फिलहाल टेस्टिंग फेज में साढे तीन से चार हजार के बीच लोगों के रिक्वेस्ट पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए मिले हैं. हेल्प डेस्क ऐसे लोगों को पैसा निकालने में मदद करता है.
यह हेल्प डेस्क आपको वैसी परिस्थिति में भी मदद करती है, जब आपको अपना पीएफ खाता नंबर याद नहीं हो या फिर आपने उसे लिख कर नहीं रखा हो. हेल्प डेस्क पर आपको अपना कुछ डिटेल देना होता है, जैसे आपका नाम, आपने जिस कंपनी में काम किया था उसका नाम, जिस अवधि में काम किया था उसकी जानकारी. ऐसी सामान्य जानकारियों के आधार पर इपीएफओ का हेल्प डेस्क आपके खाते के बारे में पता लगाने की कोशिश करता है और फिर खाता की जानकारी मिलने के बाद आवश्यक कागजी कार्रवाई और आपके क्लेम के आधार पर आपका पैसा आपको देने में मदद करता है. इतना ही नहीं यह राशि आपके किसी नये पीएफ एकाउंट में ट्रांसफर भी करायी जा सकती है.
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