इस्लामाबाद-नयी दिल्ली : विश्वसनीय आपरेटर नहीं मिलने की वजह से 10 अरब डालर की तापी पाइपलाइन का काम अटका हुआ है. इस स्थिति के बीच भारत ने कल तुर्कमेनिस्तान से अपने घरेलू कानून को उदार करने को कहा है जिससे इस परियोजना के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय कंपनी की मदद ली जा सके.
तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन परियोजना के चार देशों की कल इस्लामाबाद में बैठक हुई जिसमें मुद्दों को सुलझाने पर बातचीत हुई जिससे परियोजना को इस साल शुरू किया जा सके. नयी दिल्ली में जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तुर्कमेनिस्तान से तापी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना के जरिये प्राकृतिक गैस लेने की तुर्कमेनिस्तान से प्रतिबद्धता जताई है.
बयान में कहा गया है कि भारत ने आपसी सहमति से ‘कंसोर्टियम का नेतृत्व करने वाली फर्म’ की जल्द से जल्द नियुक्ति पर जोर दिया है. यह परियोजना के क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. चूंकि चारों देश कंसोर्टियम की अगुवाई के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी को नहीं ला पाए हैं, इस वजह से यह परियोजना अटकी हुई है.
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि वह चाहते हैं कि 7.6 अरब डालर की 1,680 किलोमीटर की तापी गैस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शरीफ ने कहा है कि 3.2 अरब घनफुट की सालाना आपूर्ति क्षमता वाली परियोजना क्षेत्र के सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान चाहता है कि इस परियोजना का काम तेजी से आगे बढाया जाए.
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