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हवाई अड्डा निजीकरण : यूनियनों का कड़ा विरोध, मंत्री ने कहा, फैसला देश हित में

नयी दिल्ली : निजीकरण को लेकर भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) कर्मचारी यूनियन के कडे विरोध के बीच नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने हवाईअड्डों के निजीकरण की पहल का समर्थन किया और कहा कि सरकार वही काम कर रही है जो देश हित में है. राजू ने कहा, ‘जो विरोध करना चाहते हैं, वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2015 5:11 PM

नयी दिल्ली : निजीकरण को लेकर भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) कर्मचारी यूनियन के कडे विरोध के बीच नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने हवाईअड्डों के निजीकरण की पहल का समर्थन किया और कहा कि सरकार वही काम कर रही है जो देश हित में है. राजू ने कहा, ‘जो विरोध करना चाहते हैं, वे विरोध करेंगे और जो समर्थन करना चाहते हैं, समर्थन करेंगे. आप वह कीजिये जो देश हित में है.’

उनसे यह पूछा गया था कि एयरपोर्ट्स आथोरिटी इंप्लायज यूनियन (एएईयू) के विरोध के मद्देनजर क्या सरकार निजीकरण नीति पर पुनर्विचार करेगी. यूनियन ने यह आरोप लगाया है कि अगर केंद्र सरकार योजना पर कदम बढाती है तो यह नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का पहला ‘घोटाला’ होगा. इस बारे में मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि अगर एएईयू इस मुद्दे पर विचार साझा करता है तो वह मामले को विस्तार से देखना चाहेंगे.

भारतीय हवाईअड्डों को अंतरराष्ट्रीय कार्गो का प्रमुख केंद्र बनाने पर आयोजित एक सेमिनार के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में राजू ने कहा, ‘अगर यह घोटाला है, मैं घोटाले का पूरा ब्योरा देखना चाहूंगा. यह कैसे हुआ. इसके तौर-तरीकों को जानना चाहूंगा. मेरा काम घोटाले को खत्म करना है.’ एएआई के हजारों कर्मचारियों ने निजीकरण को लेकर कल देश भर में हवाईअड्डों पर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में तालाबंदी की चेतावनी दी.

उल्लेखनीय है कि एएआई ने पिछले महीने चेन्नई, कोलकाता, जयपुर तथा अहमदाबाद हवाईअड्डों के प्रबंधन, परिचालन और विकास की जिम्मेदारी सौंपने के लिये निजी क्षेत्र की घरेलू तथा विदेशी कंपनियों से पात्रता अनुरोध (आरएफक्यू) आमंत्रित किया था. इन हवाईअड्डों पर पहले ही 5,000 करोड रुपये निवेश किये जा चुके हैं. टाटा, अदाणी समूह, जीएमआर समेत नौ कंपनियों ने इसमें रुचि दिखायी है. इस बीच, घरेलू विमानन कंपनियों के बीच किराये में कटौती को लेकर जारी प्रतिद्वंद्विता के बारे में पूछे जाने पर राजू ने कहा कि भाडा तय करने का फैसला विमानन कंपनियों पर छोड देना चाहिए.

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