सेवा क्षेत्र की अडचनों को दूर करने और सुधारों को बढाने की जरुरत : निर्मला सीतारमन
नयी दिल्ली : सेवा निर्यात बढाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली ‘प्रमुख बाधाओं’ की पहचान करेगी और उसके बाद क्षेत्र में ‘विशिष्ट सुधारों’ को आगे बढायेगी. मंत्री ने कल संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में सेवा क्षेत्र […]
नयी दिल्ली : सेवा निर्यात बढाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार इस क्षेत्र के समक्ष आने वाली ‘प्रमुख बाधाओं’ की पहचान करेगी और उसके बाद क्षेत्र में ‘विशिष्ट सुधारों’ को आगे बढायेगी. मंत्री ने कल संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में सेवा क्षेत्र से जुडे विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया. वाणिज्य मंत्रालय के आज जारी बयान में कहा गया, ‘उन्होंने सेवा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किए जाने तथा विभिन्न सेवाओं के समक्ष आने वाली बाधाओं की पहचान करने तथा उसके बाद विशिष्ट सुधारों पर जोर दिया.’
उन्होंने कहा कि बेहतर सेवाओं से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लागत में कमी लाने से विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढती है. इसके साथ ही उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता में सेवाओं की भूमिका पर जोर दिया. सीतारमण ने कहा कि दुनिया की अनेक अर्थव्यवस्थाओं के विकास में सेवा क्षेत्र की बडी भूमिका रही है. ‘मंत्री ने यह सवाल भी किया कि जब हमारी जीडीपी में सेवा क्षेत्र का 57 प्रतिशत योगदान है तो फिर विश्व सेवा निर्यात में हमारी हिस्सेदारी 3.24 प्रतिशत के निम्न स्तर पर क्यों है?
संसद की सलाहकार समिति को सेवाओं का निर्यात बढाने के लिये वाणिज्य मंत्रालय द्वारा उठाये जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी गई. सेवा क्षेत्र के लिये अंतर-मंत्रालयी समूह और अलग अलग सेवाओं के लिये उप-समूहों बनाने के अलावा मंत्रालय हर साल सेवा क्षेत्र पर सम्मेलन का भी आयोजन करता है. वाणिज्य मंत्रालय, सेवा निर्यात संवर्धन परिषद तथा सीआईआई के सहयोग से यहां 23 से 25 अप्रैल के बीच वैश्विक सेवा प्रदर्शनी (जीईएस) का आयोजन करने जा रही है.
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