नयी दिल्ली: दूरसंचार आपरेटरों ने आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए 20,435 करोड़ रुपये की राशि पेशगी या अग्रिम में जमा कराई है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल हो सकते हैं. कोयला ब्लाकों की नीलामी से भी सरकार को लगभग इतनी ही राशि मिली है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम नीलामी की पूरी राशि के लिए 12,000 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि ही काफी थी. लेकिन दूरसंचार आपरेटरों ने इसके लिए 20,435 करोड़ रुपये जमा कराए हैं जिससे पता चलता है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में कडी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी.’’ दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अग्रिम राशि अभी तक सबसे उंची है जिससे पता चलता है कि स्पेक्ट्रम की मांग काफी अधिक रहेगी. हम सफल स्पेक्ट्रम नीलामी की उम्मीद कर रहे हैं.’’
आरक्षित मूल्य के आधार पर सरकार को 2जी व 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से अनुमानत: 82,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. सरकार को 2100 मेगाहट्र्ज या 3जी स्पेक्ट्रम के न्यूनतम मूल्य पर 17,555 करोड़ रुपये मिलेंगे. वहीं 2जी के 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज व 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में न्यूनतम मूल्य पर स्पेक्ट्रम नीलामी से 64,840 करोड़ रुपये मिलेंगे.
सूत्रों ने कहा कि रिकार्ड अग्रिम राशि से अंतिम राजस्व का आंकडा एक लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है. शनिवार तक विभिन्न कंपनियों को 18 कोयला ब्लाकों की नीलामी से संबंधित राज्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई गई है. अधिकारी ने कहा कि पिछली बार की तुलना में स्पेक्ट्रम की मात्रा कम है, लेकिन अग्रिम राशि उंची है. इससे उम्मीद है कि नीलामी से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए जा सकेंगे. स्पेक्ट्रम नीलामी 4 मार्च से शुरु हो रही है.
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