विश्व बाजार के आपूर्ति के रूप में चीन से टक्कर ले सकता है भारत : लार्ड पॉल
लंदन : ब्रिटेन में रहने वाले प्रवासी भारतीय (एनआरआई) उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने भारत में कारोबार शुरू करने के राह की अडचने दूर करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत ‘विश्व बाजार के आपूर्तिकर्ताओं’ के तौर पर चीन को टक्कर दे सकता है. उन्होंने कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि में वहां के […]
लंदन : ब्रिटेन में रहने वाले प्रवासी भारतीय (एनआरआई) उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने भारत में कारोबार शुरू करने के राह की अडचने दूर करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत ‘विश्व बाजार के आपूर्तिकर्ताओं’ के तौर पर चीन को टक्कर दे सकता है. उन्होंने कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि में वहां के अनिवासी लोगों के निवेश का बडा योगदान है. पॉल ने भारत सरकार से भारत में निवेश की संभावना तलाश रहे अनिवासी भारतीयों को उचित महत्व देने का भी अनुरोध किया.
लॉर्ड पॉल ने कहा कि भारत सरकार अनिवासी भारतीयों की पूंजी को विदेशी निवेश के तौर पर वर्गीकृत करने के बजाय उनके निवेश को उचित महत्व दे. उन्होंने कहा कि एक निश्चित मात्रा में निवेश लाने वाले अनिवासी भारतीयों को भारतीय नागरिकता की पेशकश की जा सकती है जिसके लिए संसद द्वारा आवश्यक कानून पारित कराए जा सकते हैं क्योंकि 30 साल बाद भारत में बहुमत की सरकार बनी है.
ब्रिटेन स्थित कपारो समूह के चेयरमैन पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में जबरदस्त संभावना है और यदि सरकार कारोबारियों के रास्ते आने वाली अडचनों को दूर करती है तो इन संभावनाओं का लाभ उठाया जा सकता है. पॉल ने कहा, ‘यह बहुत अच्छी पहल है. यदि प्रधानमंत्री यह पक्का कर सकें कि उद्योग लगाने में आने वाली कुछ दिक्कतों को दूर किया जाएगा तो भारत में जबरदस्त संभावनाएं हैं.’
दो अरब डालर का कपारो समूह 40 देशों में मौजूद है और समूह में 10,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं. समूह के वैश्विक कारोबार में भारत का योगदान 15 प्रतिशत से अधिक है. पॉल ने कहा, ‘मेरा भी मानना है कि भारत मैत्री भाव के साथ चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि उनके पुत्र और कपारो के सीईओ अंगद पॉल ने हाल ही में भारत में समूह के कारोबार विस्तार और इसे एक निर्यात केंद्र के तौर पर इस्तेमाल करने का जिक्र किया है.
सरकार के प्रथम आठ महीने के कामकाज पर पॉल ने कहा कि उन्हें पांच साल में उल्लेखनीय बदलाव किए जाने की उम्मीद है, लेकिन एक-दो साल में किसी चमत्कार की उम्मीद करना संभव नहीं है. ‘हम भारत और भारतीयों के लिए इस सरकार की विफलता बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि लोगों की इस सरकार से भारी उम्मीदें हैं.
यद्यपि मोदी काम कर रहे हैं और सही चीजें कह रहे हैं, लोगों का नजरिया और मूल्य रातों-रात बदलने का कोई हल नहीं है.’ आगामी बजट को लेकर लॉर्ड पॉल ने कहा, ‘बजट से मेरी काफी उम्मीदें हैं. लेकिन मैं फिर कहूंगा कि मैं चमत्कार की उम्मीद नहीं करुंगा. मैं एक बहुत समझदारी भरे बजट की उम्मीद करता हूं.’
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