कोष प्रबंधकों की अगले माह नियुक्ति कर सकता है ईपीएफओ
नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले महीने तीन साल के लिए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति कर सकता है इसके अलावा ईपीएफओ की पेंशन योजना के तहत आयुसीमा भी दो साल बढाकर 60 साल की जा सकती है. ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक 11 मार्च […]
नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अगले महीने तीन साल के लिए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति कर सकता है इसके अलावा ईपीएफओ की पेंशन योजना के तहत आयुसीमा भी दो साल बढाकर 60 साल की जा सकती है. ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक 11 मार्च को होगी जिसमें उक्त दोनों प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा. आधिकारिक आदेश के अनुसार, ‘सीबीटी की 206वीं बैठक 19 फरवरी को होनी थी जिसे टाल दिया गया.
अब यह बैठक 11 मार्च को होगी.’ सीबीटी पेंशन व ईडीएलआई कार्यान्वयन समिति (पीईआईसी) की सिफारिशों पर भी विचार करेगा. इसमें ईपीएफओ की पेंशन योजना में चिकित्सा लाभ उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है. यदि यह निर्णय लिया जाता है तो इससे ईपीएफओ के 46 लाख पेंशनधारकों को तुरंत लाभ मिलेगा.
बैठक के लिये तय एजेंडा के अनुसार संपत्ति प्रबंधन कंपनी आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज प्राइमरी डीलरशिप, रिलायंस कैपिटल एएमसी और एचएसबीसी एएमसी का नाम ईपीएफओ के भारी भरकम कोष को व्यवस्थित करने की बोली लगाने वालों में सबसे आगे है.
जिन अन्य के नाम छांटे गये हैं उनमें यूटीआई एएमसी, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल और बिडला सनलाइफ एएमसी शामिल हैं. स्टेट बैंक ने भी अपनी बोली जमा कराई है, हालांकि सीबीटी उसे पहले ही नामित कर चुकी है. ईपीएफओ 6.5 लाख करोड रुपये का कोष व्यवस्थित करता है. मौजूदा कोष प्रबंधकों का कार्यकाल 31 मार्च 2015 को समाप्त हो रहा है. पांच करोड से अधिक लोग ईपीएफओ से जुडे हैं. हर साल उसमें 70,000 करोड रुपये से अधिक धन जमा होता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.