आर्थिक समीक्षा में राष्ट्रीय साझा कृषि बाजार की जरुरत पर जोर
नयी दिल्ली : देश में राष्ट्रीय साझा कृषि बाजार विकसित करने की जरुरत पर जोर देते हुए आर्थिक समीक्षा में आज कहा गया कि असमेकित व विसंगतिपूर्ण कृषि बाजार कृषि क्षेत्र की सबसे बडी समस्याओं में से एक है. यह समीक्षा आज संसद में पेश की गई. समीक्षा में इस समस्या के समाधान के लिए […]
नयी दिल्ली : देश में राष्ट्रीय साझा कृषि बाजार विकसित करने की जरुरत पर जोर देते हुए आर्थिक समीक्षा में आज कहा गया कि असमेकित व विसंगतिपूर्ण कृषि बाजार कृषि क्षेत्र की सबसे बडी समस्याओं में से एक है. यह समीक्षा आज संसद में पेश की गई. समीक्षा में इस समस्या के समाधान के लिए तीन कदम सुझाए गए हैं जिनमें राष्ट्रीय बाजार की स्थापना, किसान बाजार तथा संबंधित एपीएमसी कानून में सुधार के लिए केंद्र व राज्यों के मिलकर काम करना शामिल है.
समीक्षा के अनुसार सभी राज्यों द्वारा नियमन वाली जिंसों को एपीएमसी की अनुसूची से फलों व सब्जियों को अलग करना संभव होगा और इसके बाद अन्य जिंसों के लिए भी यह कदम उठाया जा सकेगा. इसके अनुसार इसके तहत राज्य सरकारों को निजी क्षेत्र में वैकल्पिक व विशेष बाजारों के लिए नीतिगत समर्थन पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा जा सकता है.
समीक्षा में कहा गया है कि विपणन बुनियादी ढांचे की स्थापना में घरेलू पूंजी आकर्षित करने में आ रही बाधाओं को देखते हुए खुदरा कारोबार में एफडीआई उदारीकरण से नयी संभावनाएं बन सकती हैं. इसमें कहा गया है कि अंतिम विकल्प के रूप में कृषि जिंसों के लिए राष्ट्रीय साझा बाजार विकसित करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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