नयी दिल्ली : सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुद्रा बैंक स्थापित करेगी. इस पुनर्वत्ति एजेंसी की स्थापना 20,000 करोड रुपये के शुरुआती कोष के साथ की जाएगी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद आम बजट 2015-16 पेश करते हुए यह घोषणा की.
उन्होंने कहा, ‘मैं लघु इकाई विकास पुनर्वत्ति एजेंसी, मुद्रा बैंक के गठन का प्रस्ताव करता हूं जिसका शुरुआती कोष 20,000 करोड रुपये होगा.’ इसका ऋण गारंटी कोष 3,000 करोड रुपये होगा. उन्होंने कहा, ‘मुद्रा बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पुनर्वत्ति संस्थान होगा. इसकी प्राथमिकता अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की होगी.
उन्होंने कहा कि 5.77 छोटी कारोबारी इकाइयां छोटी विनिर्माण व प्रशिक्षण कारोबार चला रही हैं. इनमें से 62 प्रतिशत का स्वामित्व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछडा वर्ग के लोगों के पास है.