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विश्लेषकों को उम्मीद, जल्द होगी नीतिगत दरों में कटौती

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक जल्द से जल्द इसी सप्ताह मुख्य दरों में कटौती कर सकता है क्योंकि आम बजट में पेश राजकोषीय पहलों से अवस्फीति रुझान प्रभावित नहीं होंगे. यह बात विश्लेषकों ने कही. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मार्गन स्टेनली के मुताबिक बजट में ऐसी कोई पहलें नहीं हैं जिससे लंबे समय से चल […]

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक जल्द से जल्द इसी सप्ताह मुख्य दरों में कटौती कर सकता है क्योंकि आम बजट में पेश राजकोषीय पहलों से अवस्फीति रुझान प्रभावित नहीं होंगे. यह बात विश्लेषकों ने कही. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मार्गन स्टेनली के मुताबिक बजट में ऐसी कोई पहलें नहीं हैं जिससे लंबे समय से चल रही मौजूदा अवस्फीति रुझान प्रभावित हो.

मार्गन स्टेनली के एशिया मामलों के अर्थशास्त्री चेतन आह्या ने एक अनुसंधान पत्र में कहा, ‘हम अपने इस रुख पर कायम हैं कि आरबीआई 2015 के अंत तक मुख्य दरों में 1.25 प्रतिशत की कटौती करेगा और अगला कदम इसी सप्ताह उठाया जा सकता है.’ नया राजकोषीय पुनर्गठन खाका पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में कहा था कि 2015-16 में राजकोषीय घाटा कम कर 3.9 प्रतिशत और उसके बाद अगले वित्त वर्ष में 3.6 प्रतिशत तथा आखिरकार 2017-18 में तीन प्रतिशत पर लाया जाएगा.

एचएसबीसी के भारतीय मामलों के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी ने कहा, ‘हम रेपो दरों में 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त कटौती के अनुमान पर कायम हैं और अगली कटौती अप्रैल में होने वाली बैठक में होगी.’ बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच ने कहा, ‘हम अपने इस अनुमान को दोहराना चाहेंगे कि बजट 2015-16 के बाद मुख्य दरों में कटौती होगी ताकि अर्थव्यवस्था में सुधार की स्थिति को समर्थन मिल सके.’

डीबीएस बैंक ने कहा, ‘हमारी उम्मीद बरकरार है कि जून के अंत तक 0.5 प्रतिशत की कटौती होगी.’ बजट के बारे में नोमूरा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि कुल मिलकार बजट न लोकलुभावन है न ही बहुत सुधारवादी. इससे यह जाहिर होता है कि सरकार एक साथ सुधार के बडे फैसले करने के बजाय धीरे-धीरे सुधार प्रक्रिया में तेजी लाएगी.’

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